रुस का चंद्र मिशन लूना-25 क्यूं हुआ फेल , 50 साल बाद था पहला मिशन - Punjab Kesari
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रुस का चंद्र मिशन लूना-25 क्यूं हुआ फेल , 50 साल बाद था पहला मिशन

भारत का चंद्रयान 3 अपने सफर पर है बहुत जल्द वो अपने मिशन मून को पूरा करने की

भारत का चंद्रयान 3 अपने सफर पर है बहुत जल्द वो अपने मिशन मून को पूरा करने की दिशा में आगे बढ रहा है आपको बता दें चंद्रयान के साथ साथ रुस का चंद्र मिशन लूना-25  भी सुर्खियों में बना हुआ है। रुस का लूना-25 भारत के चंद्रयान 3 को टक्कर दे रहा था।आपको बता दें भारत के चंद्रयान से  लूना -25  काफी एडवांस था। क्योंकि सिर्फ 11 दिन में ही लूना 25 चांद पर पहुंचने वाला था। लेकिन वो क्रैश हो चुका है ।
रुस का लूना 25  हुआ क्रैश
 रुस का चांद पर पहुंचने का सपना अधूरा रह गया क्योंकी लूना 25 की  सॉफ्ट लैंडिंग न होने की वजह से वो फेल हो चुका है।  लून 25 के क्रैश होने की जानकारी देते हुए
रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने रविवार को बताया कि लूना-25 अंतरिक्ष यान इच्छित कक्षा की बजाय अनियंत्रित कक्षा में चले जाने के बाद चंद्रमा से टकराकर नष्ट हो गया।
 चंद्रयान-3 से था मुकाबला
 आपको बता दें कि चांद पर सुरक्षित लैडिंग को लेकर लूना-25 का मुकाबला भारत के चंद्रयान-3  से था।  रूसी अंतरिक्ष यान को भी चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करना था। लेकिन वह मिशन असफल रहा।
नहीं हो पाई थी सॉफ्ट लैंडिंग
आपको बता दें रुस के लूना 25 की दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग ठीक से नहीं हो पाई है जिसके चलते लूना-25 को चंद्रमा की कक्षा में आपातकालीन स्थिति का सामना करना पड़ा था ।  इस मामले को लेकर रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos) ने बताया तब बताया था कि लूना-25 अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में एक आपातकालीन स्थिति का सामना करना पड़ा है ।
ऑपरेशन के दौरान आई थी आपातकालीन स्थिति
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आज के उड़ान कार्यक्रम के अनुसार, मॉस्को के समयानुसार 14:10 पर, लूना-25 ने प्री-लैंडिंग कक्षा में पहुंचने के लिए एक वेलोसिटी जनरेट किया।  इसी बीच  ऑपरेशन के दौरान एक आपातकालीन स्थिति आई , जिसकी वजह से लूना-25 के ​ऑर्बिट में इच्छित मापदंडों के अनुसार बदलाव नहीं हो पाया। वहीं इस समस्या को लेकर  रोस्कोरस्मोस ने कहा कि उसकी टीम फिलहाल स्थिति का विश्लेषण कर रही है।
चंद्रयान-3 से पहले लैंड करने वाला था लूना – 25
आपको बता दें कि  रूस अपने लूना-25 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय पर भारत के चंद्रयान-3 से पहले लैंड करने वाला था।  लेकिन  जो तारीख तय थी उसके मुताबिक रूसी लैंडर को 21 से 22 अगस्त के बीच मून के साउथ पोल पर लैंड होना था। लूना-25 को 11 अगस्त को रूस के सुदूर पूर्व में वोस्तोचन कोस्मोड्रोम से बिना किसी  गल्ती के लॉन्च किया गया था।  इसका मकसद रूस को एक अंतरिक्ष महाशक्ति बनाना और रूसी प्रक्षेपणों को कजाकिस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोम में शिफ्ट करना था लेकिन रुस का ये मिशन असफल रहा है।  
 चंद्रमा के पर्यावरण को समझने का था मिशन
लूना-25  का काम था कि को चंद्रमा की चट्टान और धूल के नमूने लेने  है । एसा माना जा रहा है कि वहां कोई आधार बनाने से पहले चंद्रमा के पर्यावरण को समझने के लिए नमूने महत्वपूर्ण हैं।  लेकिन एसा नहीं हो सका । आपको बता दे लगभग 50 साल  बाद रूस ने अपना पहला चंद्रमा मिशन लॉन्च किया है। बुधवार को यह सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया था ।

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