पाकिस्तान के एक उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया पर 2011 में ईशनिंदा की सामग्री अपलोड करने के दोषी दो ईसाई भाइयों को सुनाई गई मौत की सजा को बरकरार रखा है।
लाहौर उच्च न्यायालय की रावलपिंडी पीठ के न्यायमूर्ति राजा शाहिद महमूद अब्बासी और न्यायमूर्ति चौधरी अब्दुल अजीज ने बुधवार को दोषियों कैसर अयूब और अमून अयूब की उनकी सजा के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया।
गौरतलब है कि 2018 में सत्र अदालत ने मोहम्मद सईद की शिकायत पर दोनों ईसाई भाइयों को मौत की सजा सुनायी थी। आपको बता दे कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को लगातार ईशनिंदा का आरोप लगाकर प्रताडित किया जा रहा हैं । पाक में कट्टर मौलवी अल्पसंख्यकों ईशनिंदा की आड़ में खत्म करने पर ऊतारू हैं। लेकिन ईशनिंदा कानून के कारण पाकिस्तान कई बार दुनिया के कई देशों से फटकार भी खा चुका हैं । हाल ही प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने पाकिस्तान को उन खास देशों की लिस्ट में रखा हैं, जंहा अल्पसंख्यकों के अधिकार खत्म करने की लगातार कोशिश की जा रही हैं।