अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरिया पर लगे सभी प्रतिबंधों को हटाने का आदेश जारी कर दिया है। इस फैसले के अगले ही दिन उन्होंने रियाद में सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शरा से मुलाकात की, जो कभी अमेरिका की मोस्ट वांटेड आतंकी सूची में शामिल थे। यह मुलाकात वैश्विक राजनीति में बड़ी हलचल का कारण बन गई है। अहमद अल-शरा को कभी अबू मोहम्मद अल-जुलानी के नाम से जाना जाता था। उन्होंने 2011 में सीरिया में कई आत्मघाती हमलों की योजना बनाई थी और 2017 में अमेरिका ने उन पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित किया था। बाद में वे अल कायदा से अलग होकर ‘हयात तहरीर अल-शाम’ (HTS) संगठन के प्रमुख बने। दिसंबर 2024 में बशर अल-असद की सत्ता गिरने के बाद अल-शरा ने सीरिया की बागडोर संभाली। उनके राष्ट्रपति बनने के बाद ही उनका असली नाम सामने आया।
ट्रम्प-अल-शरा मुलाकात: 25 साल में पहली बार
ट्रम्प और अल-शरा के बीच रियाद में लगभग 37 मिनट तक बातचीत हुई, जिसमें सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी मौजूद थे। यह 25 वर्षों में पहला मौका था जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने सीरियाई राष्ट्रपति से मुलाकात की हो। ट्रम्प ने अल-शरा को “युवा और आकर्षक नेता” बताते हुए कहा कि उन्होंने उनसे इज़राइल के साथ संबंध सामान्य करने और सीरिया से विदेशी आतंकियों को बाहर निकालने की बात की।
ट्रम्प ने बताया प्रतिबंध हटाने का कारण
ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए लिया है। अमेरिकी कानून में राष्ट्रपति को यह अधिकार है कि वह आवश्यक परिस्थितियों में प्रतिबंधों को समाप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस निर्णय से पहले उन्होंने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन से भी विचार-विमर्श किया था। दोनों नेताओं ने सीरिया से प्रतिबंध हटाने का समर्थन किया था।
Donald Trump को मिलगा सबसे मंहगा तोहफा, कतर सरकार देगी 3400 करोड़ का महल जैसा प्लेन
2011 से था सीरिया पर कड़ा अमेरिकी रुख
अमेरिका ने सीरिया पर सबसे कड़े प्रतिबंध 2011 में लगाए थे, जब राष्ट्रपति असद की सरकार पर अपने ही नागरिकों पर हिंसा और रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के आरोप लगे थे। 2013 के एक रासायनिक हमले में दमिश्क में 1,144 लोग मारे गए थे, जिनमें 99 बच्चे शामिल थे। अमेरिका ने असद सरकार पर ईरान और रूस के साथ मिलकर क्षेत्रीय अस्थिरता फैलाने का भी आरोप लगाया था, जिसके चलते सीरिया को वैश्विक मंच पर अलग-थलग कर दिया गया था।