अफगानिस्तान के पूर्वी नंगरहार प्रांत की राजधानी में तालिबान के वाहनों को निशाना बनाकर किए गए तीन सिलसिलेवार धमाकों में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गयी और 20 घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने यह जानकारी दी है। जलालाबाद में शनिवार को हुए हमले की अभी किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन पूर्वी अफगानिस्तान इस्लामिक स्टेट से जुड़े एक समूह का गढ़ है और वे अफगानिस्तान के नए तालिबान शासकों के शत्रु हैं।
अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि मृतकों और घायलों में तालिबान के अधिकारी शामिल हैं या नहीं। वहीं, काबुल में शनिवार को एक बम धमाके में दो लोग घायल हो गए। यह अभी साफ नहीं हुआ है कि काबुल बम विस्फोट में किसे निशाना बनाया गया।बता दें कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) काउंसिल ऑफ स्टेट्स ऑफ स्टेट्स, अफगानिस्तान की 21 वीं बैठक के लिए सदस्य और पर्यवेक्षक राज्यों के नेता ताजिकिस्तान में है, जो शुक्रवार और शनिवार को दुशांबे में होगा।
इसके पर्यवेक्षक राज्य में मौजूदा संकट एससीओ सभा के लिए क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व का सबसे बड़ा सामयिक मुद्दा बना हुआ है, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी शामिल हैं।हालांकि, पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के राष्ट्रपति भवन से भाग जाने और तालिबान शासन को अभी भी दुनिया द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं होने के कारण, पिछले कुछ हफ्तों में इस क्षेत्र में इतनी उथल-पुथल और भू-राजनीतिक अशांति पैदा करने वाले अफगानिस्तान की बैठक में कोई उपस्थिति नहीं होगी।
एससीओ में भारत, रूस, चीन, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान और पाकिस्तान सहित आठ सदस्य देश शामिल हैं। ईरान, अफगानिस्तान, बेलारूस और मंगोलिया चार पर्यवेक्षक राज्य हैं, जबकि अजरबैजान, आर्मेनिया, कंबोडिया, नेपाल, तुर्की और श्रीलंका छह संवाद भागीदार हैं।