जब से अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आया है तबसे दमनकारी नीतियों का असर देखने को मिला है। महिलाओं को लेकर कानून काफी सख्त कर दिए गए है , महिलाओं को काम करने पर पाबन्दी , शिक्षा प्राप्त करने पर रोक , अकेले यात्रा करने पर रोक तथा घर से किस तरह बाहर निकलना है जैसे कई बर्बर कानून अमल में लाये गए है।
दुनियाभर में हो रही है तालिबान की निंदा
अफगानिस्तान के तालिबान द्वारा संचालित प्रशासन ने महिलाओं को गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) में काम करने से प्रतिबंधित कर दिया है, एक ऐसा कदम जिसकी संयुक्त राष्ट्र, मानवाधिकार संगठनों और विशेष रूप से महिलाओं द्वारा निंदा की गई है।
टोलो न्यूज ने बताया कि, “अर्थव्यवस्था मंत्रालय ने शनिवार को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों को महिला कर्मचारियों को बर्खास्त करने के लिए एक पत्र भेजा, जिसमें कहा गया कि ऐसा न करने पर उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।”प्रशासन ने कहा कि, यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि महिला एनजीओ कर्मियों ने हिजाब नहीं पहनकर ड्रेस कोड तोड़ा था।
अफगान लोगों के लिए ये विनाशकारी : एंटनी ब्लिंकेन
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, “अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि, यह अफगान लोगों के लिए विनाशकारी होगा और लाखों लोगों के लिए महत्वपूर्ण और जीवन रक्षक सहायता को बाधित करेगा।”इस फैसले पर विदेश मंत्री ब्लिंकन ने कहा, “महिलाएं दुनिया भर में मानवतावादी अभियानों के केंद्र में हैं। यह फैसला अफगान लोगों के लिए विनाशकारी हो सकता है।”