पाकिस्तान में चीन के श्रमिक कई सालों से काम कर रहे है, लेकिन कभी भी इतना बड़ा हमला नहीं हुआ, जितना अब हुआ है। चीन ने अशांत बलूचिस्तान प्रांत में अपने नागरिकों के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले के बाद शनिवार को पाकिस्तान से विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहे उसके नागरिकों पर हमले रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने और सुरक्षा तंत्र में बदलाव करने को कहा।
पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर एक महीने से अधिक समय में हुआ यह दूसरा हमला है। इस्लामाबाद में चीनी दूतावास ने एक बयान में चीनी श्रमिकों और निवेश की उपस्थिति के कारण रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर ग्वादर में चीनी नागरिकों के काफिले पर शुक्रवार को हुए आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा की। हमले में पास में खेल रहे दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। इनमें एक चीनी नागरिक भी शामिल था।
दूतावास ने कहा कि उसने तुरंत आपातकालीन योजना शुरू की जिसमें ”पाकिस्तान से घायलों का उचित इलाज कराने, हमले की गहन जांच करने और अपराधियों को कड़ी सजा देने की मांग की गई है।” साथ ही, पाकिस्तान में सभी स्तरों पर संबंधित विभागों को मजबूत सुरक्षा उपाय लागू करने में तेजी लाने और यह सुनिश्चित करने को कहा कि इस तरह की घटनाएं फिर से न हों।”
दूतावास ने कहा कि हाल ही में, पाकिस्तान में सुरक्षा की स्थिति गंभीर रही है और लगातार कई आतंकवादी हमले हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई चीनी नागरिक हताहत हुए हैं। पाकिस्तान ने एक बयान में कहा कि हमलावर ने ग्वादर में फिशरमेन कॉलोनी के पास ईस्ट बे एक्सप्रेसवे पर पाकिस्तानी सेना और पुलिस दल व चार चीनी वाहनों के काफिले को निशाना बनाया। किसी ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
ग्वादर 60 अरब अमेरिकी डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का समापन बिंदु है। पिछले कुछ महीनों में बलूचिस्तान और कराची में चीनी नागरिकों को निशाना बनाने वाले आतंकी हमलों में वृद्धि हुई है, जो सीपीईसी परियोजनाओं और निजी उद्यमों के लिए काम कर रहे हैं। पिछले महीने अशांत खैबर पख्तूनख्वा में हुए एक आतंकवादी हमले में नौ चीनी नागरिकों समेत कम से कम 13 लोग मारे गए थे।