श्रीलंका में आर्थिक बदहाली की वजह से पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़ कर भाग गए थे। जिसके बाद वहां घनघोर प्रदर्शन हुआ, यहां तक की प्रधानमंत्री के घर में प्रदर्शनकारी घुस गए। श्रीलंका के मुख्य विपक्षी दल समागी जना बालवेगया ने कहा है कि गोटबाया राजपक्षे को देश लौटने का अधिकार है, लेकिन धन के दुरुपयोग के आरोपों के लिए उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए क्योंकि उन्हें कानूनी छूट नहीं है।
राजपक्षे को मातृभूमि में लौटने का अधिकार
‘डेली मिरर’ अखबार ने एसजेबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अजीत पी. परेरा के हवाले से बताया, ‘‘गोटबाया राजपक्षे इस देश के नागरिक हैं और उन्हें अपनी मातृभूमि लौटने का अधिकार है। इस अधिकार से कोई इनकार नहीं कर सकता। लेकिन, धन के दुरुपयोग के आरोपों के लिए उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।’’
कानून का सामना करना होगा, छूट नहीं है….
श्रीलंका का संविधान पूर्व राष्ट्रपतियों को व्यक्तिगत सुरक्षा और कर्मचारियों के साथ एक कार्यालय सहित विशेषाधिकार देता है। परेरा ने शुक्रवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘उनके खिलाफ अपने माता-पिता के स्मारक के लिए राजकीय कोष को कथित रूप से खर्च करने का मामला था। उन्हें मुकदमे का सामना करना होगा और दोषी पाए जाने पर दंडित किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्हें संविधान के अनुसार कानूनी छूट नहीं है।’’
राजपक्षे पर लगाया ऋण सुविधा का दुरुपयोग करने का आरोप
एसजेबी ने राजपक्षे की सरकार पर भारत द्वारा प्रदान की गई एक अरब अमेरीकी डॉलर की ऋण सुविधा का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है, जो कि वित्तीय सहायता के तहत नकदी की कमी वाले राष्ट्र को अपने अभूतपूर्व आर्थिक संकट से निपटने में मदद करने के लिए दी गई थी। बृहस्पतिवार की एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजपक्षे अमेरिका के ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं क्योंकि वह अपनी पत्नी लोमा राजपक्षे के अमेरिकी नागरिक होने के कारण आवेदन करने के योग्य हैं। राजपक्षे ने 2019 का राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अपनी अमेरिकी नागरिकता त्याग दी थी।