श्रीलंका में पिछले कई महीनों से आर्थिक संकट चल रहा था जिसके कारण देश की आम जनता अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए पूर्ति न होने पर सरकार के खिलाफ खड़ी हो गई थी, बताया जा रहा है कि श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार अब पूरी तरह से खत्म हो चुका हैं। जिसकों लेकर देश की आम जनता का आक्रोश चरम पर पहुंच चुका हैं। हालांक,अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की श्रीलंका के घटनाक्रम पर नजर है। उसे उम्मीद है कि श्रीलंका का राजनीतिक संकट जल्द हल होगा जिसके बाद नकदी संकट से जूझ रहे देश को राहत पैकेज पर बातचीत शुरू हो सकेगी।
IMF की पीएम विक्रमसिंघे के साथ हुई थी वार्ता
सरकार विरोधी हजारों आंदोलनकारियों ने शनिवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के मध्य कोलंबो स्थित आधिकारिक आवास पर धावा बोल दिया। ये लोग राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। इसके अलावा आंदोलनकारियों ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास को भी आग के हवाले कर दिया। हालांकि, विक्रमसिंघे ने इस्तीफे की पेशकश की थी।
आईएमएफ की प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के साथ नीति-स्तर की एक दौर की वार्ता हुई थी। विक्रमसिंघे के पास वित्त मंत्रालय का भी प्रभार है। दोनों पक्षों के बीच कुछ वित्तीय मुद्दे हैं जिन्हें सुलझाया जाना है।
IMF ने कहा- श्रीलंका आर्थिक संकट से जल्द होगा बाहर
श्रीलंका में आईएमएफ के वरिष्ठ मिशन प्रमुख पीटर ब्रेयर और मिशन प्रमुख मासाहिरो नोजाकी ने रविवार को बयान में कहा कि हमारी श्रीलंका के घटनाक्रम पर नजदीकी नजर है। ‘इकनॉमी नेक्स्ट’ की रविवार को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, आईएमएफ ने उम्मीद जताई है कि श्रीलंका के मौजूदा हालात जल्द सुधर जाएंगे। ‘‘हमारी वित्त मंत्रालय और श्रीलंका के केंद्रीय बैंक में अपने समकक्षों के साथ तकनीकी पहलुओं पर बातचीत की योजना है।’’
श्रीलंका में जुलाई या अगस्त में अंतरिम बजट भी लाया जाना है। ब्रिटेन से 1948 को आजाद होने के बाद श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। विदेशी मुद्रा संकट से निपटने के लिए श्रीलंका को कम से कम चार अरब डॉलर की जरूरत है।