श्रीलंका : सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने अहम प्रशासनिक इमारतों को खाली करने का फैसला किया - Punjab Kesari
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श्रीलंका : सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने अहम प्रशासनिक इमारतों को खाली करने का फैसला किया

श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति आवास और प्रधानमंत्री कार्यालय सहित कुछ अहम प्रशासनिक इमारतों

श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति आवास और प्रधानमंत्री कार्यालय सहित कुछ अहम प्रशासनिक इमारतों को खाली करने का फैसला किया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर नौ जुलाई को राष्ट्रपति आवास और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास पर कब्जा जमा लिया था। बुधवार को वे प्रधानमंत्री के कार्यालय में भी घुस गए थे।
प्रदर्शनकारियों के एक समूह के प्रवक्ता ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम पुरानी संसद (राष्ट्रपति के कार्यालय) और गाले फेस (जहां लंबे समय से प्रदर्शन जारी हैं) के अलावा सभी इमारतों से शांतिपूर्वक हट रहे हैं। हम इन स्थानों पर बने रहेंगे, हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर लेने तक प्रदर्शन करते रहेंगे।’’ सरकारी इमारतों में राष्ट्रपति आवास, राष्ट्रपति सचिवालय और प्रधानमंत्री कार्यालय शामिल है।
राजपक्षे (73) ने बुधवार को इस्तीफा देने का वादा किया था। उन्होंने देश छोड़कर जाने के कुछ घंटों बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त कर दिया, जिससे राजनीतिक संकट बढ़ गया और नए सिरे से प्रदर्शन शुरू हो गए।
राजनीतिक दलों के नेता राजपक्षे से इस्तीफा देने के लिए कह रहे हैं ताकि संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्दने कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर प्रभार संभाल सकें। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि अंतरिम सरकार में ऐसे नेता ही शामिल हों, जो उन्हें स्वीकार्य हैं। इस बीच, राष्ट्रपति राजपक्षे ने बुधवार को अपना इस्तीफा नहीं भेजा। वह नयी सरकार द्वारा गिरफ्तार किए जाने की आशंका के चलते इस्तीफा देने से पहले विदेश चले गए।
उन्होंने संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को सूचित किया था कि वह बुधवार को इस्तीफा देंगे। उन्होंने यह घोषणा तब की थी जब प्रदर्शनकारी द्वीपीय देश में बिगड़े हालात को लेकर आक्रोश के बीच उनके आधिकारिक आवास में घुस गए थे।
गौरतलब है कि 2.2 करोड़ की आबादी वाला देश सात दशकों में सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जिसके कारण लोग खाद्य पदार्थ, दवा, ईंधन और अन्य जरूरी वस्तुएं खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने पिछले सप्ताह कहा था कि श्रीलंका अब दिवालिया हो चुका है।

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