सऊदी अरब की सबसे बड़ी तेल कंपनी अरामको पर ड्रोन से हमला, लगी भीषण आग - Punjab Kesari
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सऊदी अरब की सबसे बड़ी तेल कंपनी अरामको पर ड्रोन से हमला, लगी भीषण आग

सऊदी अरब में तेल की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी के दो संयंत्रों में शनिवार को ड्रोन से

सऊदी अरब में तेल की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी के दो संयंत्रों में शनिवार को ड्रोन से हमला किया गया। यमन के विद्रोहियों द्वारा यह हमला ऐसे समय में किया गया है जब यह कंपनी शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने को लेकर तैयारी कर रही है। पूर्वी सऊदी अरब में अरामको के दो बड़े संयंत्रों अब्कैक और खुरैस पर हमलों के बाद आसमान में धुएं के गुबार उठने लगे। 
ईरान के साथ चल रहे क्षेत्रीय तनावों के बीच यह हमला हुआ है। इन हमलों से पता चलता है कि ईरान से जुड़े हूती विद्रोही सऊदी अरब में तेल प्रतिष्ठानों के लिए कैसे गंभीर खतरा बन गए हैं। सऊदी अरब दुनिया में कच्चे तेल का सबसे बड़ा निर्यातक है। आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी ने गृह मंत्रालय के एक बयान के हवाले से कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समयानुसार एक बजे अरामको के औद्योगिक सुरक्षा दलों ने अब्कैक और खुरैस में ड्रोन हमले के कारण लगी आग से निपटना शुरू किया।’’ उसने बताया, ‘‘दोनों संयंत्रों में लगी आग पर नियंत्रण पा लिया गया है।’’ बयान में कहा गया है कि ईस्टर्न प्रांत में हमले के बाद जांच शुरू कर दी गई। 

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हालांकि उसने ड्रोनों के सूत्र के बारे में नहीं बताया। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि हमलों में कोई घायल हुआ है या नहीं और न ही तेल उत्पादन पर असर का पता लगा है। हाल के महीनों में हूती विद्रोहियों ने सीमा पार सऊदी अरब के अड्डों और अन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हुए मिसाइल और ड्रोन हमले तेज कर दिए हैं जिसे वह यमन में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों में सऊदी अरब के नेतृत्व में लंबे समय से की जा रही बमबारी का बदला बताते हैं। 
अरामको के धहरान मुख्यालय से 60 किलोमीटर दक्षिणपश्चिम में स्थित अब्कैक संयंत्र कंपनी के सबसे बड़े तेल प्रसंस्करण संयंत्र का गढ़ है। पहले भी आतंकवादी इसे निशाना बनाते रहे हैं। अल-कायदा के आत्मघाती विस्फोटकों ने फरवरी 2006 में इस तेल कंपनी पर हमला करने की कोशिश की थी लेकिन वे नाकाम रहे थे। 
धहरान से 250 किलोमीटर दूर स्थित खुरैस अरामको का प्रमुख ऑयल फील्ड है। इस हमले से विश्व शक्ति के साथ परमाणु समझौते को लेकर अमेरिका और ईरान के आमने-सामने होने के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है। अमेरिका और सऊदी अरब खाड़ी में टैंकरों पर हमलों के लिए ईरान को भी जिम्मेदार ठहराते रहे हैं। यह ताजा हमला ऐसे समय में हुआ है जब सऊदी अरब ने अरामको को शेयर बाजार में उतारने की तैयारी तेज कर दी है। 

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