कोविड-19 महामारी फैलने के तकरीबन दो साल बाद दुनिया बीते दिनों सामने आए वायरस के नए स्वरूपों से संभवत: अधिक खतरनाक एक और नए स्वरूप से जूझती नजर आ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक समिति ने कोरोना वायरस के नये स्वरूप को ‘ओमीक्रॉन’ नाम दिया है और इसे ‘बेहद संक्रामक चिंताजनक स्वरूप’ करार दिया है। जिसके बाद दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कोरोना वायरस के नए ओमिक्रोन स्वरूप को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंता के बीच, शनिवार को राष्ट्रीय कोरोना वायरस कमांड काउंसिल (एनसीसीसी) की एक आवश्यक बैठक समय से पहले बुलायी है। इस स्वरूप के अधिक संक्रामक होने की आशंका है।
बता दें यह बैठक पहले रविवार को होनी थी। यह बैठक दक्षिण अफ्रीका और पड़ोसी देशों नामीबिया, ज़िम्बाब्वे और बोत्सवाना के साथ-साथ लेसोथो और इस्वातिनी (पूर्व में स्वाज़ीलैंड) से आने-जाने पर ब्रिटेन के बाद कई यूरोपीय देशों द्वारा यात्रा प्रतिबंध लगाए जाने के बीच हो रही है। प्रतिबंध लगाने वाले नये देशों में मॉरिशस, अमेरिका, इजराइल, श्रीलंका और नीदरलैंड शामिल हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि रामाफोसा नए स्वरूप के प्रसार को रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन और अन्य उपायों की घोषणा करेंगे।
इस सप्ताह पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना वायरस के नये स्वरूप बी.1.1.1.529 को शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा चिंताजनक स्वरूप के रूप में नामित किया गया और इसे “ओमिक्रोन” नाम दिया है। दक्षिण अफ्रीका ने पहली बार 24 नवंबर को डब्ल्यूएचओ को इसकी जानकारी दी थी और बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग और इज़राइल में भी इसकी पहचान की गई है।
अतीत में, दक्षिण अफ्रीका की पांच-स्तरीय लॉकडाउन रणनीति में बदलाव की घोषणा करने के पहले हमेशा एनसीसीसी की बैठक होती थी। मंत्री मोंडली गुंगुबेले ने एक बयान में कहा, इस बैठक के नतीजे यह दिशा देंगे कि क्या राष्ट्रपति की समन्वय परिषद के स्तर पर और परामर्श की आवश्यकता है।