रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को आज दस दिन हो गए है। पुतिन के सेना ने यूक्रेन के कई इलाकों में अभी भी हमले तेज कर रखे हैं। इस बीच नाटो ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की की उस अपील को खारिज कर दिया है जिसमे उन्होंने यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन घोषित करने की मांग की थी। मांग खारिज होने के बाद राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि, पश्चिम का सैन्य गठबंधन यूक्रेन में होने वाली मौतों और विनाश के लिए जिम्मेदार होगा। उन्होंने कहा नाटो का यह फैसला रूस के हाथ खोल देगा और वह हवाई हमले तेज कर देंगे।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने किया नाटो के फैसले का समर्थन
नाटो द्वारा यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन घोषित न करने के फैसले का अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने समर्थन किया है। ब्लिंकन ने कहा यूक्रेन के हवाई क्षेत्र को नो फ्लाई जोन घोषित करने का मतलब, नाटो देशो की हवाई सेना को यूक्रेन में रूसी विमानों को मार गिराने के लिए भेजना होगा। इस वजह से यूरोप में एक पूर्ण युद्ध शुरू हो सकता है। इस फैसले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने नाटो की निंदा की है।
रूसी सेना ने राष्ट्रपति भवन पर किया हमला
यूक्रेन में रूसी सेना ने शुक्रवार को भी कई हवाई हमले किए थे और आज भी उसके कई शहरों पर ड्रोन से हमला किया है। रूसी सेना ने ओडेसा शहर में एक पूल को भी धमाके से उड़ा दिया और इसके अलावा मरियूपोल बंदरगाह पर भी पुतिन की सेना ने कब्जा कर लिया है। रूसी सेना ने यूक्रेन के राष्ट्रपति भवन पर भी मिसाइल से हमला किया हालांकि वहां कोई नुक्सान नहीं हो पाया। इस बीच राष्ट्रपति जेलेंस्की ने जर्मनी से टैंक, हेलीकॉप्टर और पनडुब्बी मांगे हैं।