रूस नियंत्रित यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों ने मंगलवार को रूस का अभिन्न हिस्सा बनने के लिए जनमत संग्रह कराने की घोषणा की। यूक्रेन के अलगाववादी चार क्षेत्रों द्वारा क्रेमलिन के समर्थन से संगठित और त्वरित आधार पर रूस का हिस्सा बनने की यह कोशिश, मॉस्को को यूक्रेन के साथ युद्ध तेज करने का आधार देगी। वह भी तब जब यूक्रेन की सेना को अपने इलाकों पर कब्जा करने में सफलता मिल रही है।
शुक्रवार से जनमत संग्रह कराने की घोषणा
दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और आंशिक रूप से रूस के कब्जे में मौजूद ज़ापोरिज्ज्यिया क्षेत्र ने शुक्रवार से जनमत संग्रह कराने की घोषणा की। यह घोषणा उनके करीबी सहयोगी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा इसकी जरूरत बताए जाने के बाद की गई है।वहीं, युद्ध शुरू होने के सात महीने के बाद रूस आधार खोता नजर आ रहा है।
रूस में विलय व उसकी सीमा को पारिभाषित करने के लिए अटल हैं
रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवदेव ने भी कहा कि पूर्वी यूक्रेन क्षेत्रों का रूस में विलय और उनकी सीमा को पुन: परिभाषित करना ‘ अटल’ है और इससे रूस उसकी रक्षा करने के लिए ‘कोई भी कदम’ उठाने में सक्षम होगा।
लगभग तय है कि इस तरह का जनमत संग्रह मॉस्को के पक्ष में जाएगा, लेकिन यूक्रेन की सेना का समर्थन कर रही पश्चिमी सरकारें इसे मान्यता नहीं देंगी। यह जनमत संग्रह रूस को ऐसे समय लड़ाई तेज करने का मौका देगा, जब यूक्रेन की सेना बढ़त बना रही है।
गौरतलब है कि लुहांस्क और दोनेत्स्क संयुक्त रूप से डोनबास इलाके का बड़ा हिस्सा है जहां पर वर्ष 2014 से ही अलगावादियों का कब्जा है और पुतिन ने रूसी हमले के लिए इसे प्राथमिक आधार बनाया था।
दोनेत्स्क के अलगावादी नेता डेनिस पुशीलिन ने कहा, ‘‘लंबे समय से पीड़ा सह रही डोनबास की जनता ने उस महान देश का हिस्सा बनने का अधिकार प्राप्त किया है जिसे वह हमेशा से अपनी मातृभूमि मानती हैं।’’
उन्होंने कहा कि जनमत संग्रह से ‘‘लाखों रूसी लोगों को ऐतिहासिक न्याय मिलेगा, जिसका इंतजार वे कर रहे थे।’’