राजनाथ ने चीन के रक्षा मंत्री से दो घंटे से अधिक समय तक की वार्ता, सीमा पर तनाव कम करने पर हुई चर्चा - Punjab Kesari
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राजनाथ ने चीन के रक्षा मंत्री से दो घंटे से अधिक समय तक की वार्ता, सीमा पर तनाव कम करने पर हुई चर्चा

पूर्वी लद्दाख में सीमा पर पैदा हुए तनाव के बाद से पहली सर्वोच्च स्तर की बातचीत में रक्षा

पूर्वी लद्दाख में सीमा पर पैदा हुए तनाव के बाद से पहली सर्वोच्च स्तर की बातचीत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को मास्को में अपने चीनी समकक्ष वेई फेंगही से मुलाकात की। बैठक दो घंटे से अधिक समय तक हुई जिसमें पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव को कम करने पर ध्यान केन्द्रित रहा। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। 
पूर्वी लद्दाख में मई में सीमा पर हुए तनाव के बाद से दोनों ओर से यह पहली उच्च स्तरीय आमने सामने की बैठक थी। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल गतिरोध दूर करने के लिए चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ टेलीफोन पर बातचीत कर चुके हैं। सूत्रों ने बताया कि वार्ता के दौरान सिंह ने पूर्वी लद्दाख में यथा स्थिति को बनाए रखने और सैनिकों को तेजी से हटाने पर जोर दिया। 
सिंह के कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही के बीच मॉस्को में बैठक समाप्त हुई। यह बैठक दो घंटे 20 मिनट तक चली।’’ सूत्रों ने बताया कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने चीनी सेना के पैंगोंग झील के दक्षिण तट में यथास्थिति बदलने के नए प्रयासों पर कड़ी आपत्ति जताई और वार्ता के माध्यम से गतिरोध के समाधान पर जोर दिया। 
एक सूत्र ने कहा, “दो रक्षा मंत्रियों के बीच बातचीत का केन्द्र लंबे समय से चले आ रहे सीमा गतिरोध को हल करने के तरीकों पर था।”रूस की राजधानी मास्को में एक प्रमुख होटल में रात करीब साढ़े नौ बजे (भारतीय समयानुसार) वार्ता शुरू हुई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में रक्षा सचिव अजय कुमार और रूस में भारत के राजदूत डी बी वेंकटेश वर्मा भी थे। 
सूत्रों ने बताया कि चीन के रक्षा मंत्री ने बातचीत की पेशकश की थी। दोनों नेता एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मॉस्को में हैं। 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ में अपने संबोधन में कहा कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए विश्वास का माहौल, गैर-आक्रामकता, अंतरराष्ट्रीय नियमों के प्रति सम्मान तथा मतभेदों का शांतिपूर्ण समाधान जरूरी है। वेई से मुलाकात से पहले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में दिये गये उनके इस बयान को पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ सीमा विवाद में संलिप्त चीन को परोक्ष संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर भी अगले सप्ताह एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने रूस जा सकते हैं। 

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