यूरोपीय देश स्वीडन फिर चर्चा का केंद्र बना हुआ है। स्वीडन में एक शख्स को कुरान जलाने की अनुमति दी गई। उसका नाम सलवान मोमिका बताया जा रहा है। मोमिका ने आज सेंट्रल मस्जिद के बाहर कुरान को बार-बार फाड़ा और फिर उसे आग के हवाले कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार, मोमिका इराकी शरणार्थी हैं और उसका इरादा स्वीडन में कुरान को बैन कराना है। बता दें कि स्वीडन में पहले भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया गया है।
Ex Muslim Iraqi immigrant Salwan Momika burns the Koran in Sweden, Says it’s the most dangerous Book in the world. pic.twitter.com/1uRGDq9pnT
— This Kafirs Awake (@DarHarb) June 29, 2023
कट्टरपंथियों के निशाने पर यूरोप
यूरोप में मुस्लिम आबादी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यूरोपीय देशों में मुस्लिम समुदाय के अधिकांश लोग इराक, सीरिया जैसे युद्धग्रस्त देशों से आए है। शुरुआत में सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन इस्लामिक धर्मगुरुओं की मानसिकता ने हालात को बदल दिया। आपको बता दें कि इन धर्मगुरुओं ने मुसलमानों से अपील की कि खुद को यूरोपियन रूप-रंग में ढालने की बजाए मुसलमान खुद को मुस्लिम बनाए रखें। यहीं से मामला बिगड़ना शुरू हुआ। मुस्लिम अपनी पहचान को लेकर कट्टर बनने लगे। यूरोप ने भी इस परिवर्तन पर गौर करना शुरू किया। अस्पताल, बाजार, स्कूल हर जगह इनकी संख्या और हरकतों ने यूरोप को चिंता में डाल दिया। यूरेबिया टर्म का इजाद भी इन्हीं घटनाओं से हुआ।
जानिए क्या है यूरेबिया
यूरेबिया का मतलब है यूरोप का अरबीकरण। अधिकतर लोगों का मानना है कि मुस्लिम एक एजेंडा के तहत यूरोप में आए है। वह अपनी आबादी बढ़ाकर यूरोपीय देशों पर कब्ज़ा करना चाहते है। यूरोप के लोग अपने खुले विचार के लिए जाने जाते है। उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि कही कट्टरपंथी उन्हें निशाना बनाना शुरू न कर दें। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ISIS के दौरान अकेले स्वीडन से 300 से अधिक लोग आतंकी बनने सीरिया और इराक चले गए थे।