महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन से उनके पालतू कुत्तों के भविष्य को लेकर पैदा हुई अनिश्चितता - Punjab Kesari
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महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन से उनके पालतू कुत्तों के भविष्य को लेकर पैदा हुई अनिश्चितता

ब्रिटेन की महारानी दिवंगत एलिजाबेथ द्वितीय छोटे पैरों वाले अपने पालतू कुत्तों से बेहद प्यार करती थीं, लेकिन

ब्रिटेन की महारानी दिवंगत एलिजाबेथ द्वितीय छोटे पैरों वाले अपने पालतू कुत्तों से बेहद प्यार करती थीं, लेकिन उनके निधन ने उनके भविष्य को लेकर भी अनिश्चतता पैदा कर दी है।
महारानी की पुत्रवधू दिवंगत डायना ने एक बार इन कुत्तों की चर्चा करते हुए इन्हें ‘‘ चलता फिरता कालीन’’ करार दिया था, जो सदा उनकी सास के साथ रहते थे। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का बचपन से ही ‘कॉर्गी’ नस्ल के कुत्तों के प्रति अनुराग था और उन्होंने अपने जीवनकाल में करीब 30 कुत्तों को पाला, जो शाही परिवार के पालतू जानवर होने का विशेषाधिकार से लैस थे।
हालांकि, महारानी का पिछले सप्ताह निधन होने के बाद लोगों की चिंता है कि अब उनके इन पालतू कुत्तों की देखभाल कौन करेगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि इन कुत्तों को शाही परिवार के अन्य सदस्यों के पास भेज दिया जाएगा, जबकि कुछ का कहना है कि इनकी देखभाल शाही परिवार की सेवा में लगे कर्मियों की जिम्मेदारी होगी।
शाही इतिहासकार रॉबर्ट लेसी का कहना है कि लोगों में इस बात को लेकर उत्सुकता है कि क्या अंतिम संस्कार में ये कुत्ते मौजूद रहेंगे या नहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘ महारानी के सबसे बेहतरीन दोस्त ये कुत्ते थे, भले ही ब्रिटेन के कई लोगों को ये छोटे पैरों वाले जानवर पसंद न हो, लेकिन निश्चित तौर पर महारानी के लिए ये अहम थे।’’
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के कॉर्गी कुत्तों से प्यार की शुरुआत वर्ष 1933 में तब हुई, जब उनके पिता सम्राट जार्ज षष्ठम पेमब्रोक वेल्श कॉर्गी नस्ल के कुत्ते को घर लाए, जिसे उन्होंने डूकी नाम दिया। लंदन के आवास स्थित लॉन में एलिजाबेथ की कुत्ते के साथ सैर करने की तस्वीरें शुरुआती थी, जो सार्वजनिक हुई।
महारानी जब 18 साल की हुईं, तब उन्हें दूसरा कुत्ता दिया गया, जिसका नाम सुजैन रखा गया। इसके बाद महारानी ने कई कुत्तों को पाला और व्यक्तिगत तौर पर जब निकलतीं, तो ये उनके साथ अक्सर दिखाई देते थे।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 70 सालों तक शासन किया और ये कुत्ते हमेशा उनके आधिकारिक दौरे पर साथ रहे। खबरों के मुताबिक, उनका बकिंघम पैलेस में सोने का अपना कमरा था।
महारानी के लिए इन कुत्तों के महत्व को इसी बात से समझा जा सकता है कि ब्रिटिश लेखिका पेन्नी जूनर ने वर्ष 2018 में जीवनी ‘‘ऑन द क्वीन कॉर्गिस’’नाम से सभी कुत्तों का दस्तावेजीकरण किया।
उन्होंने लिखा कि एलिजाबेथ उनके साथ सैर करती थीं, उन्हें खिलाती थी, उनके नाम का चुनाव करती थीं और जब वे मरते थे तो अलग-अलग पट्टिकाओं के साथ दफनाए जाते थे।
खबरों के मुताबिक, वर्ष 2018 में ‘विलो’ नाम के उनके एक कुत्ते की मौत हो गई, जिसके बाद महारानी कोई नया कुत्ता पालने के लिए नहीं लेकर आई। हालांकि, वर्ष 2021 में उनके पति प्रिंस फिलिप के बीमार पड़ने के बाद एक बार फिर वह अपने पालतू कुत्तों को ज्यादा समय देने लगीं।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय अपने परिवार के साथ अपने दो कुत्तों डॉर्गी और कॉकर स्पेनियल को भी अपने पीछे छोड़कर गई हैं।

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