दिवंगत फिलिस्तीनी नेता यासिर अराफात को PM मोदी ने अर्पित की श्रद्धांजलि - Punjab Kesari
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दिवंगत फिलिस्तीनी नेता यासिर अराफात को PM मोदी ने अर्पित की श्रद्धांजलि

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फलस्तीन के दिवंगत नेता यासिर अराफात के मकबरे पर पुष्पचक्र चढ़ाया। फलस्तीन की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान यह मोदी का पहला कार्यक्रम था। फलस्तीन को भारत द्वारा एक देश के तौर पर मान्यता दिए जाने के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली फलस्तीन यात्रा है। मोदी जॉर्डन की सेना के एक हेलीकॉप्टर में सवार होकर अम्मान से सीधा रामल्ला आए, जहां उनका स्वागत फलस्तीन के प्रधानमंत्री रामी हमदल्ला ने किया।

हमदल्ला के साथ प्रधानमंत्री मोदी अराफात के मकबरे पर गए। 10 नवंबर 2007 को इस मकबरे का अनावरण हुआ था और यह फलस्तीन के राष्ट्रपति भवन परिसर ‘मुकाटा’ के बगल में है। अराफात को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद प्रधानमंत्री ने हमदल्ला के साथ अराफात संग्रहालय की सैर की। यह संग्रहालय अराफात के मकबरे के पास ही है।

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मकबरे की हर दीवार की लंबाई 11 मीटर है और उनसे एक क्यूब बनता है। यह 11वें महीने की 11 तारीख को हुए अराफात के निधन का सूचक है। अराफात के मकबरे के बगल में एक मीनार है जो 30 मीटर ऊंची है। मीनार के शीर्ष पर एक लेजर प्रणाली है जो यरूशलम की दिशा में रोशनी की बौछार करता है। साल 1929 में काहिरा में जन्मे अराफात का निधन 11 नवंबर 2004 को हुआ था।

वह आठ साल तक फलस्तीन के राष्ट्रपति रहे थे। साल 1990 में फलस्तीन मुक्ति संगठन (पीएलओ) के प्रमुख ने इस्राइल से वार्ता की थी और 1993 में उन्होंने ओस्लो समझौता किया जिससे फलस्तीन को पश्चिमी तट और गजा पट्टी में स्वशासन प्राप्त हो सका। साल 1994 में अराफात ने इस्राइली नेता यित्झक राबिन और शिमोन पेरेज के साथ शांति का नोबेल पुरस्कार जीता।

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