पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिका में अपने पहले राजकीय दौरे पर जा रहे हैं। उनकी यात्रा 21 से 25 जून तक प्रस्तावित है। यह यात्रा भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते आपसी विश्वास का प्रतीक मानी जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इस दौरे में दोनों देशों के बीच जेट इंजन टेक्नोलॉजी, डिफेंस समेत अन्य तकनीकी क्षेत्रों में कई बड़े समझौते किए जा सकते है।
दोनों देशों के बीच बड़े समझौते होने की उम्मीद
दोनों देशों के बीच बड़े समझौते होने की उम्मीद इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन पीएम मोदी की यात्रा से पहले ही भारत आकर इसका रोडमैप तैयार कर चुके हैं। उनका तो दावा ये भी था कि राष्ट्रपति बाइडेन ने भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में जो भी बैरियर्स बना सकते थे। उन सभी को हटा दिया है। इन सबके बीच ये भी जान लेना जरुरी है कि आखिर दो देशों के बीच कैसे समझौते होते है।
इन चीजों पर होंगे समझौते
दो देशों के बीच दो प्रकार का समझौता होता है पहला आधिकारिक सरकारी समझौता होता है। दो देशों के बीच सरकारी स्तर पर होने वाली डील इसी समझौते के तहत आती है। इसमें दो देशों के नेता मंत्रिमंडल के सदस्य, अधिकारी या प्रतिनिधि बातचीत के बाद फैसला लेते हैं। इसमें फाइनेंसियल, कमर्शियल, डिफेंस, साइंस और टेक्नोलॉजी सहयोग समेत अन्य सहयोग शामिल हो सकते हैं। चूंकि यह इसमें दोनों देशों के हित जुड़े होते हैं इसीलिए इसे ट्रीटी Treatyकहा जाता है।
दूसरा समझौता आयात-निर्यात से जुड़ा होता है
दूसरा होता है व्यापारिक समझौता। इसमें दोनों देश व्यापारिक आयात-निर्यात को लेकर समझौता करते हैं। जरूरी नहीं कि यह समझौता दोनों देशों की सरकारें ही करें। यदि देश का कानून और नियम अनुमति देता है तो व्यापारिक समझौता कोई भी बिजनेसमैन या आम आदमी किसी दूसरी देश के आम आदमी से कर सकता है।
दो देशों के बीच किसी भी प्रकार का समझौता उनकी स्वतंत्र आपसी समझ और सहमति का परिणाम होता है। तो इस तरह से कई बातो को ध्यान में रखते हुए समझौता किया जाता है।