विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान पर भारत की जीत की 50वीं बरसी पर बृहस्पतिवार को कहा कि पाकिस्तानी सेना द्वारा 1971 में चलाया गया ऑपरेशन ‘सर्चलाइट’ हाल के इतिहास में सामूहिक अत्याचारों और नृशंस हत्याओं के सबसे भयानक उदाहरणों में से एक है।
जयशंकर इस विजय दिवस की स्मृति में तथा बीएसएफ के जवानों की भूमिका के सम्मान के लिए इस अर्द्धसैनिक बल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
सीमा सुरक्षा बल ने बांग्लादेश की मुक्ति में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका – जयशंकर
विदेश मंत्री ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि सीमा सुरक्षा बल ने बांग्लादेश की मुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और देश उन अधिकारियों और लोगों को सलाम करता है जिनके संकल्प और वीरता ने 1971 में इतिहास रचा।
बीएसएफ के साथ भारतीय सेना की इस जीत से बांग्लादेश का जन्म हुआ।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ऑपरेशन सर्चलाइट वास्तव में हाल के इतिहास में सामूहिक अत्याचारों और क्रूर हत्याओं के सबसे भयानक उदाहरणों में से एक है। लेकिन बांग्लादेश के लोग बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के वीर नेतृत्व में इस क्रूर हमले के खिलाफ उठ खड़े हुए।
जयशंकर ने कहा कि पूर्वी पड़ोसी के लोगों और स्वतंत्रता सेनानियों के लिए भारत में सहज समर्थन था और लोकतांत्रिक अधिकारों को बनाए रखने के लिए बांग्लादेश के लोगों के समर्थन में हमारे राजनीतिक, राजनयिक और सैन्य प्रयासों को अब अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त है।
उन्होंने कहा कि 4,000 किलोमीटर से अधिक लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा की रक्षा करने वाला बीएसएफ, भारत-बांग्लादेश दोस्ती में एक प्रमुख हितधारक था। उन्होंने कहा कि 1965 में गठित बल 1971 के युद्ध के समय भी शैशवावस्था में था।
उन्होंने कहा, हम में से कोई भी मार्च 1971 में बांग्लादेश के लोगों के खिलाफ पाकिस्तानी सेना द्वारा शुरू किए गए नरसंहार अभियान को कभी नहीं भूल सकता।