आतंक और झूठ का प्रतीक पाकिस्तान हमेशा से हथियारियो की सनक में रहा है।चाहे उसके लिए किसी के आगे हाथ फैलाना पड़े या अपने ही नागरिको की जान को जोखिम में डालना पड़े। इन दिनों पाकिस्तान में आर्मी और नागरिको के बीच हथियारों के साथ जो आगजनी हुई वो पूरी दुनिया ने देखा। दो वक्त की रोटी को मोह्ताज पाकिस्तान हमेशा से दुनिया के हर स्तर पर कश्मीर का राग गाता है जवाब में करारी खरी -खोटी सुनता है। पाकिस्तान में परमाणु परीक्षण के लिए बलूचिस्तान में जिस स्थान को चुना था वहा के नागरिक आज गंभीर बीमारी की चपेट में है।
28 मई 1998 को बलूचिस्तान में पाकिस्तान परमाणु परीक्षण
28 मई को 28 मई को जर्मनी, ब्रिटेन और नीदरलैंड्स में ‘आश्रोक’ – बलूचिस्तान में फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट ने शोक दिवस के रूप में चिह्नित करने के लिए विरोध प्रदर्शन किया।28 मई 1998 को बलूचिस्तान में पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण के विरोध में फ्री बलूचिस्तान आंदोलन के कार्यकर्ता और बलूच समुदाय के सदस्य जर्मनी में हनोवर के सेंट्रल स्टेशन, लंदन में 10 डाउनिंग स्ट्रीट और नीदरलैंड में डैम स्क्वायर के बाहर इकट्ठा हुए। अबू बकर बलूच, दानियाल बलूच, बीबगर बलूच, अब्दुल खालिक, खुदादाद बलूच और मुहम्मद बख्श राजी बलूच सहित बलूच नेताओं ने चगई और बाकी बलूचिस्तान के निवासियों पर पाकिस्तान के परमाणु परीक्षणों के बाद के प्रभावों को उजागर करने के लिए जर्मनी में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के दौरान बात की।
परमाणु परीक्षण स्थल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के लिए सीमा से बाहर
अपने भाषणों में वक्ताओं ने पाकिस्तान की कड़ी निदा करते हुए कहा जहा एक ओर देश परमाणु शक्ति को निर्धारित लक्ष्य के लिए बंद कर ख़त्म कर रहे है वही दूसरी ओर पाकिस्तान अपनी सैन्य शक्ति शक्ति और युद्ध उन्माद दिखाने के लिए और अधिक परमाणु हथियारों का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा कि परमाणु परीक्षण किए जाने के बाद से बलूचिस्तान का चघई क्षेत्र विकिरण के प्रभाव से पीड़ित है। कृषि नष्ट हो गई है, जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा नहीं हुई है, नवजात बच्चे विभिन्न जन्मजात बीमारियों और विकलांगों से पीड़ित हैं, संक्रामक रोग भी क्षेत्र में प्रचलित हैं और वहां के अधिकांश लोग कैंसर और अज्ञात खतरनाक बीमारियों से पीड़ित हैं।परमाणु परीक्षण स्थल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के लिए सीमा से बाहर रहता है और इस क्षेत्र में बढ़ती बीमारियों के कारण का पता लगाने के लिए कोई स्वतंत्र सर्वेक्षण नहीं किया गया है।
पाकिस्तान अपने गंदे परमाणु हथियारों के नाम पर दुनिया को ब्लैकमेल कर रहा
इस विरोध पर बोलते हुए, वक्ताओं ने कहा कि परमाणु हथियारों के प्रयोगों के कारण बलूच राष्ट्र और इसकी भूमि और वायु पर्यावरण के साथ क्या हुआ है, इसमें पाकिस्तान की कोई दिलचस्पी नहीं है। (एफ बी एम ) प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार विश्व शांति के लिए खतरा हैं और इससे पहले कि वे गलत हाथों में पड़ें, दुनिया को इसे गंभीरता से लेना चाहिए । बलूच प्रदर्शनकारियों ने यूके से पाकिस्तान का समर्थन बंद करने का भी आग्रह किया क्योंकि पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मिलने वाली विदेशी सहायता का इस्तेमाल बलूच लोगों के खिलाफ किया जा रहा है।
जब तक पाकिस्तान जैसे आर्थिक रूप से अस्थिर, अराजक और गैर-जिम्मेदार देश के पास ऐसे खतरनाक परमाणु हथियार हैं, तब तक विश्व शांति खतरे में रहेगी।