पाकिस्तान सरकार ने नागरिकों के देश से बाहर जाने से संबंधित नियमों में बदलाव करने का निर्णय लिया है। यह फैसला वर्षों या दशकों तक लोगों को निकास नियंत्रण सूची (ईसीएल) में रखने की प्रथा को समाप्त करने के प्रयास में लिया गया है।
समाचार पत्र ‘द डान’ ने शनिवार को यह सूचना दी।
अवधि को और 90 दिनों के लिए बढ़या जा सकता है
शहबाज सरकार के नवनिर्वाचित गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने यह घोषणा करते हुए कहा कि ईसीएल में किसी व्यक्ति का नाम डालने के 120 दिनों के बाद इसे अपने आप हटा दिया जाएगा, हालांकि उस व्यक्ति के खिलाफ ठोस सबूत होने पर अवधि को और 90 दिनों के लिए बढ़या जा सकता है। उन्होंने कहा कि पोंजी घोटाले करने वाले और बड़ संख्या में लोगों के साथ धोखाधड़ करने वाले लोगों को भी ईसीएल में डाला जा सकता है।
मंत्री ने कहा कि आतंकवाद, जघन्य अपराधों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों में दर्ज लोगों के नाम ईसीएल से स्वत: नहीं हटाए जाएंगे। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट, उच्च न्यायालयों और बैंकिंग अदालतों के रजिस्ट्रारों द्वारा भेजे गए मामलों, मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों और धोखाधड़ के मामलों में दर्ज लोगों पर भी यह सुविधा लागू नहीं होगी। यह बदलाव एक्जिट फ्रॉम पाकिस्तान (कंट्रोल) कानून के नियम 2 में किए गए हैं, जो किसी व्यक्ति को विदेश जाने से रोकने के लिए आधार को परिभाषित करते हैं।
फिलहाल ईसीएल में 4,863 लोगों के नाम हैं
कानून में एक नया नियम (4-ए) भी जोड़ गया है, जिसके तहत समीक्षा की मांग करने वाले एक विरोध-पत्र पर 30 दिन के भीतर फैसला किया जाएगा। गृह मंत्री ने बताया कि मंत्रिमंडल ने पहले ही ईसीएल नियमों में संशोधन को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि फिलहाल ईसीएल में 4,863 लोगों के नाम हैं और संशोधन से करीब 3,000 लोगों को फायदा होगा।सनाउल्लाह ने घोषणा की कि यह बदलाव महत्व के आधार पर बदले गए हैं और सभी नागरिकों पर लागू होंगे। इसके अलावा 30,000 लोगों के नामों वाली ब्लैक लिस्ट की भी समीक्षा की जाएगी।