चीन और पाकिस्तान के बीच पिछले कई सालों से राजनीतिक नजदीकियां बढ़ती जा रही है। ऐसे में पाकिस्तान और चीन ने यहां के बलूचिस्तान प्रांत स्थित रणनीति रूप से अहम ग्वादर बंदरगाह का पूरी क्षमता से इस्तेमाल करने का संकल्प लिया है। ग्वादर बंदरगाह करीब 60 अरब डॉलर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना का हिस्सा है जिसे चीन ने विकसित किया है और इससे उसकी पहुंच अरब सागर तक हो गई है।
ग्वादर बंदरगाह के पूर्ण क्षमता के दोहन का फैसला पाकिस्तानी और चीनी अधिकारियों की बृहस्पतिवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये हुई बैठक में लिया गया। खबर के मुताबिक सीपीईसी के लागू करने के लिए गठित संयुक्त कार्यबल ने छठी समीक्षा बैठक की जिसमें ग्वादर बंदरगाह और ग्वादर शहर के विकास, मुक्त क्षेत्र आदि पर चर्चा हुई।
खबर के मुताबिक दोनों पक्षों ने विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की जिनमें ग्वादर बंदरगाह के परिचालन, अफगान ट्रांजिट व्यापार मार्ग को शामिल करना और ग्वादर बंदरगाह की क्षमता का दोहन करने के लिए कोशिश को दोगुनी करना शामिल है।
अखबार के मुताबिक ग्वादर मुक्त क्षेत्र परियोजना के प्रथम चरण को पूरा करने की समीक्षा की गई और दूसरे चरण के कार्य को शुरू करने पर चर्चा की गई, यह पूरी योजना करीब 2,221 एकड़ क्षेत्र में फैली है। गौरतलब है कि भारत सीपीईसी के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरने की वजह से इसका विरोध करता है।