PAK आर्मी चीफ ने खोली अपने ही मुल्क की पोल , बोले - मदरसों में पढ़ने वाले मौलवी बनेंगे या आतंकवादी - Punjab Kesari
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PAK आर्मी चीफ ने खोली अपने ही मुल्क की पोल , बोले – मदरसों में पढ़ने वाले मौलवी बनेंगे या आतंकवादी

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पाकिस्तान आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने अपने ही मुल्क की पोल खोल दी है । आपको बता दे कि पाकिस्तान आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने पाकिस्तान की शिक्षा पर सवाल उठाया है। पाकिस्तान के मदरसों में मिलने वाली शिक्षा पर सवाल उठाते हुए पाक आर्मी चीफ ने शुक्रवार को एक विवादित बयान दिया। आर्मी चीफ ने कहा कि पाकिस्तान के मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे या तो मौलवी बनेंगे या आतंकवादी। क्योंकि, पाकिस्तान में इतनी मस्जिद नहीं बनाई जा सकती कि मदरसों में पढ़ने वाले हर बच्चे को नौकरी मिल सके।

पाक अखबार ‘डॉन’ में बाजवा के बयान का उल्लेख किया गया है। बलूचिस्तान के प्रमुख शहर क्वेटा में एक युवा सम्मेलन में उन्होंने कहा कि मैं मदरसों के खिलाफ नहीं हूं लेकिन मदरसों की मूल भावना कहीं खो गई है। पाक में मदरसों की शिक्षा अपर्याप्त है, क्योंकि यह छात्रों को आधुनिक दुनिया के लिए तैयार नहीं करती है। बाजवा ने कहा कि ‘मदरसों मे करीब 25 लाख बच्चे पढ़ते हैं लेकिन वे क्या बनेंगे : क्या वे मौलवी बनेंगे अथवा आतंकवादी बनेंगे।’ उन्होंने कहा कि देश में इतने छात्रों को नियुक्त करने के लिए नई मस्जिदें खोलना असंभव है।

सेना प्रमुख ने कहा कि वह लोकतंत्र में विश्वास करते हैं। लेकिन सेना की राष्ट्रीय सुरक्षा व विकास में एक भूमिका है और इसका निर्वाह वह करते रहेंगे। बाजवा ने कहा कि हमारी देश की तरफ एक ड्यूटी है और सभी को उसे निष्ठा से पूरा करना चाहिए।

चीफ ने साथ ही ये भी कहा- ऐसा नहीं हैं कि मदरसे में सिर्फ आतंकवाद के उसूल सिखाएं जाते हैं या फिर अन्य धर्मों से बेर-भाव करना सिखाया जाता हैं। लेकिन पाकिस्तान में रजिस्टर्ड मदरसों की संख्या करीब 20 हजार हैं, जबकि हजारों मदरसे आज भी बिना रजिस्ट्रेशन के चलाए जा रहे हैं। इन गैर-कानूनी मदरसों में ही बच्चों के दिल में जहर घोलने का काम किया जाता हैं। बच्चे नादान होते हैं। जो आसानी से बातो में आकर आतंकवाद का रास्ता अपना लेते हैं।

चीफ ने कहा-मदरसों की शिक्षा प्रणाली पर विचार करने की जरूरत हैं। बच्चों के जीवन से किए जा रहे खिलवाड़ को कतई बर्दाश्त नही किया जा सकता।

गौरतलब है कि पाकिस्तान में सेना की भूमिका सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। ऐसे में बाजवा का बयान मायने रखता है। सेना ने कई बार सत्ता परिवर्तन करने में भूमिका अदा की है। माना जा रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपदस्थ करने में सेना का हाथ है।

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