काबुल आत्मघाती हमले में मृतकों की संख्या 100 पहुंची, 150 घायल - Punjab Kesari
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काबुल आत्मघाती हमले में मृतकों की संख्या 100 पहुंची, 150 घायल

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काबुल : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में कल हुए आत्मघाती हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 100 के करीब पहुंच गयी है जबकि 158 अन्य घायल हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। एक आत्मघाती हमलावर ने एंबुलेंस में छुपाकर रखे गए बम में एक पुलिस नाके के नजदीक धमाका कर दिया। मई के बाद के इस सबसे भीषण हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है। महज एक सप्ताह पहले काबुल के ही इंटरकांटिनेंटल होटल पर हुए हमले में 20 से ज्यादा लोग मारे गए थे। उस हमले को भी तालिबान ने ही अंजाम दिया था।

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने इस हमले के लिए तालिबान से संबंधित एक हक्कानी नेटवर्क को दोषी ठहराया है। इस विस्फोट के कुछ घंटे बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रवक्ता ने बताया कि इसमें मरने वालों की संख्या बढ़कर 95 हो चुकी है और 158 लोग घायल हैं। चिकित्सा दल घायलों के इलाज में जुटे हुए हैं और बहुत से घायलों को अस्पताल के बागीचों में खुले में लिटाया गया है।

अफगानिस्तान में एक इतालवी सहायता समूह के समन्वयक देहान पेनिक ने कहा, ‘यह नरसंहार है।’ हमले की इस घटना से अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घानी और उनके अमेरिकी सहयोगियों पर दबाव बढ़ेगा, जिन्हें भरोसा था कि आक्रामक सैन्य रणनीति प्रमुख प्रांतीय केंद्रों से तालिबान आतंकवादियों को खदेड़ने में सफल रही है।

अमेरिका ने अफगान सुरक्षा बलों के लिए सहायता बढ़ा दी है और तालिबान तथा अन्य आतंकवादी गुटों के खिलाफ हवाई हमले तेज कर दिए हैं, ताकि गतिरोध समाप्त हो और आतंकवादी बातचीत के लिए बाध्य हो जाएं। हालांकि तालिबान ने इस बात से इंकार किया है कि नई रणनीति से वे कमजोर हुए हैं। अफगानिस्तान के सांसद मीरवाइज यासिनी विस्फोट के समय घटनास्थल के समीप ही थे। उन्होंने बताया कि एम्बुलेंस जांच चौकी के निकट पहुंची और उसमें विस्फोट हो गया।

श्री यासिनी ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस विस्फोट का निशाना आंतरिक मंत्रालय की निकटवर्ती इमारत थी। यह विस्फोट इतना जोरदार था कि सैंकड़ मीटर दूर इमारतों में कंपन महसूस किया गया और शवों के टुकड़े छितराकर सड़कों पर बिखर गए। सड़कों पर मलबे और क्षतिग्रस्त कारों का अम्बार लगा हुआ है। यह हमला एक अति व्यस्त सड़क पर किया गया, जहां दिन में लंच के समय लोग बाहर घूम रहे थे। अफगानिस्तान में शानिवार को भी सरकारी दफ्तरों में कामकाज होता है। यूरोपीय संघ के देशों और भारतीय दूतावास कार्यालय भी घटनास्थल के निकट ही है।

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