रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को दो साल से अधिक वक्त हो गया है। इस जंग के बीच नाटो द्वारा सबसे बड़ा युद्धाभ्यास शुरू होने वाला है। कोल्ड वॉर के बाद ये सबसे बड़ा युद्धाभ्यास होगा, जिसमें करीब 90,000 सैनिक शामिल होंगे। इस युद्धाभ्यास को लेकर रूस के उप विदेश मंत्री अलेक्जेंडर ग्रुश्को ने विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि नाटो गठबंधन का युद्धाभ्यास कोल्ड वॉर योजनाओं की वापसी का प्रतीक है। ग्रुश्को ने कहा कि ये युद्धाभ्यास पश्चिमी देशों द्वारा रूस के खिलाफ छेड़ा गया हाइब्रिड युद्ध का एक और प्रमाण है।
शीत युद्ध की योजनाओं का वापसी का प्रतीक है युद्धाभ्यास- रूस
उन्होंने कहा कि ये युद्धाभ्यास शीत युद्ध की योजनाओं का वापसी का प्रतीक है। इस युद्धाभ्यास को रूस के साथ टकराव के लिए तैयार किया जा रहा है। हालांकि, रूस ने अपने इस युद्धाभ्याल को लेकर रूस का कोई जिक्र नहीं किया है। नाटो ने गुरुवार को कहा कि वह शीत युद्ध के बाद से अपना सबसे बड़ा युद्धाभ्यास शुरू कर रहा है। इसमें लगभग 90,000 सैनिक शामिल होंगे। इस अभ्यास में 31 देशों की सेनाएं शामिल होंगी
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