आतंकी यासीन मलिक की पत्नी मुशाल पाकिस्तान PM की बनीं एडवाइजर, जलील अब्बास जिलानी को बनाया विदेश मंत्री - Punjab Kesari
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आतंकी यासीन मलिक की पत्नी मुशाल पाकिस्तान PM की बनीं एडवाइजर, जलील अब्बास जिलानी को बनाया विदेश मंत्री

कश्मीर के अलगाववादी नेता और टेरर फंडिंग मामले में जेल में बंद यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन

कश्मीर के अलगाववादी नेता और टेरर फंडिंग मामले में जेल में बंद यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन पाकिस्तान की अंतरिम सरकार में मंत्री बनने जा रही हैं। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के इस्तीफे के बाद अनवर उल हक कक्कड़ को देश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया है. वह कक्कड़ कैबिनेट में मानवाधिकार पर पीएम की विशेष सहायक होंगी। पाकिस्तान में रहने वाली मलिक की पत्नी मुशाल लगातार पाकिस्तान के नेताओं और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अपील कर रही हैं कि उनके पति को बचाया जाए क्योंकि वह निर्दोष हैं।
आपको बता दे कि पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार और उसके मंत्रिमंडल ने गुरुवार को आधिकारिक तौर पर कार्यभार संभाल लिया और चयनित कैबिनेट सदस्यों ने राष्ट्रपति भवन में शपथ ली।
संघीय मंत्रालयों के लिए मंत्रियों के चयन ने अन्य राजनीतिक ताकतों की चिंताएं बढ़ा दी हैं, लेकिन यह भी संकेत दे दिया है कि पाकिस्तान अपनी विदेश नीति, खासकर अपने कट्टर पड़ोसी भारत के प्रति किस तरह की सोच रखेगा।
जानिए कौन है जलील अब्बास जिलानी
कैबिनेट के सबसे महत्वपूर्ण सदस्‍य जलील अब्बास जिलानी हैं। वह अनुभवी राजनयिक हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) और यूरोपीय संघ (ईयू) में राजदूत के रूप में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
जिलानी साल 1999 से 2003 के बीच भारत में उप उच्चायुक्त भी रहे और साल 2007 से 2009 तक ऑस्ट्रेलिया में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे। आपको बता दे कि इससे पहले, जिलानी ने साल मार्च 2012 से दिसंबर 2013 तक पाकिस्तान के विदेश सचिव के रूप में भी कार्य किया था।
जिलानी की नियुक्ति पाकिस्तान की विदेश नीति की दिशा को दर्शाती है। उन्‍हें पश्चिम के साथ रिश्ते सुधारने हैं और भारत के प्रति नीतिगत प्रतिक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करना है।
जिलानी ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान में फैसलाबाद के जारांवाला में चर्च पर हुए हमलों पर भारतीय पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल की आलोचना का जवाब इन शब्दों में दिया था : “विश्‍व स्तर पर भारत महिलाओं, दलितों, ईसाइयों, मुसलमानों के खिलाफ हिंसा में सबसे आगे है, जिसमें आधिकारिक निगरानी में अल्पसंख्यकों की हत्या भी शामिल है। कंवल सिब्बल सीएनएन पर ओबामा के दिए इस बयान को याद रखें, ”अगर भारत जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करता है, तो मुल्‍क टूटना शुरू हो जाएगा।”
अंतरिम विदेश मंत्री के रूप में शपथ लेने से एक दिन पहले दी गईं इस तरह की प्रतिक्रियाएं, काफी हद तक दर्शाती हैं कि पाकिस्तान की विदेश नीति भारत पर ध्यान केंद्रित करते हुए आगे बढ़ेगी।
एक और महत्वपूर्ण नियुक्ति मानवाधिकार पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक (एसएपीएम) की हुई है। यह पद कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक की पत्‍नी मुशाल हुसैन मलिक को दी गई है।
मुशाल हुसैन मलिक कश्मीर विवाद और अपने पति यासीन मलिक, जो भारतीय अधिकारियों की हिरासत में हैं, के बारे में मुखर रही हैं।
मुशाल की नियुक्ति कश्मीर के मुद्दे, कश्मीरियों के लिए धर्म की स्वतंत्रता और बोलने की आजादी के अधिकार को उठाने और कथित मानव के मद्देनजर इसे विश्व मंचों पर पेश करने के लिए विदेश कार्यालय और मानवाधिकार मंत्रालय का उपयोग करने की पाकिस्तान की भविष्य की नीति को दर्शाती है। 
पाकिस्तान की कार्यवाहक व्यवस्था चार प्रमुख कारकों पर केंद्रित है, जैसे अर्थव्यवस्था, विदेश नीति, सुरक्षा और भारत से निपटना उसका मुख्य काम है।
मुशाल हुसैन के बारे में जानिए !
गौरतलब है कि अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने 2009 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के पूर्व छात्र मुशाल हुसैन से शादी की और उनकी 10 साल की बेटी रजिया सुल्ताना है, जो अपनी मां के साथ पाकिस्तान में रहती है। मलिक को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दर्ज 2017 के आतंकी-फंडिंग मामले में 2019 की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल मई में दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें टेरर फंडिंग मामले में दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

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