पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने मंगलवार को प्रासंगिक अंतर्राष्ट्रीय मंचों से भारत द्वारा एक मिसाइल की ‘आकस्मिक गोलीबारी’ पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया, जबकि नई दिल्ली ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि यह एक ‘गलती’ थी।
इस तरह की घटनाए क्षेत्रीय शांति खतरे में ड़ाल सकती हैं -रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना के जनरल मुख्यालय में रावलपिंडी में मिले कोर कमांडरों ने चेतावनी दी कि इस तरह की खतरनाक घटनाएं एक ‘ट्रिगर’ का काम कर सकती हैं और क्षेत्रीय शांति व रणनीतिक स्थिरता को गंभीर रूप से खतरे में डाल सकती हैं। 9 मार्च को भारत द्वारा आकस्मिक रूप से दागी गई बिना हथियार की मिसाइल पाकिस्तानी क्षेत्र के 124 किमी अंदर मियां चन्नू में गिर गई, जिससे कुछ स्थानीय संपत्तियों को नुकसान पहुंचा।
पाकिस्तान ने मिसाइल गड़बड़ी की संयुक्त जांच की मांग की है, जिससे दोनों देशों के बीच बड़ी त्रासदी हो सकती थी।
मिसाइल फायरिंग को लेकर कमार जावेद बाजवा ने बैठक
सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की अध्यक्षता में कोर कमांडरों को महत्वपूर्ण वैश्विक और क्षेत्रीय विकास, आंतरिक सुरक्षा स्थिति और ‘पश्चिमी सीमा प्रबंधन व्यवस्था’ में प्रगति पर व्यापक जानकारी दी गई। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, आईएसपीआर द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि फोरम ने मिसाइल फायरिंग की हालिया घटना की चिंता के साथ समीक्षा की, जिसे भारत द्वारा आकस्मिक बताया गया, जिसके परिणामस्वरूप एक बड़ी तबाही हो सकती थी।
बयान में कहा गया, इस बात पर जोर दिया गया था कि गलती की भारतीय स्वीकृति के बावजूद प्रासंगिक अंतर्राष्ट्रीय मंचों को घटना पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और निरीक्षण भारतीय सामरिक संपत्तियों की सुरक्षा और सुरक्षा प्रोटोकॉल के अधीन होना चाहिए। इस तरह की खतरनाक घटनाएं ट्रिगर के रूप में कार्य कर सकती हैं और क्षेत्रीय शांति को गंभीर रूप से खतरे में डाल सकती हैं।