इंडोनेशिया सुनामी : मृतकों की संख्या हुई 429, बचाव में बाधा बनी बारिश - Punjab Kesari
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इंडोनेशिया सुनामी : मृतकों की संख्या हुई 429, बचाव में बाधा बनी बारिश

बीएनपीबी के आंकड़े दिखा रहे हैं कि सुनामी में 883 घर, 73 होटल और विला, 60 दुकानों व

इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटने के बाद आई विनाशकारी सुनामी में मारे गए लोगों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 429 पहुंच गई। वहीं, भारी बारिश की वजह से सुनामी में जीवित बचे लोगों की तलाश व शवों की बरामदगी में मुश्किल पैदा हो रही है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बोर्ड (बीएनपीबी) के प्रवक्ता सुतोपो पुरवो नुगरोहो ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है, क्योंकि राहत व बचाव टीमें पानी में अभी भी शवों की तलाश कर रही हैं। ‘जकार्ता पोस्ट’ की रिपोर्ट के अनुसार, नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक 1,485 लोग घायल हुए हैं, 154 लापता हैं जबकि 16,082 बेघर हुए हैं।

सुंडा स्ट्रेट पर एनाक क्राकाटोओ ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद आई सुनामी ने इंडोनेशिया के जावा और सुमात्रा द्वीप में शनिवार देर रात तबाही मचाई। इसकी पहले से कोई चेतावनी जारी नहीं हुई थी। सुतोपो ने कहा कि आंकड़ों में बदलाव हो सकता है, क्योंकि संयुक्त तलाशी दल पांडेगलांग, सेरांग, दक्षिण लामपुंग, पेनावारान और तेनग्गामुस में तलाशी अभियान चला रही है।

Indonesia Tsunami

बीएनपीबी के आंकड़े दिखा रहे हैं कि सुनामी में 883 घर, 73 होटल और विला, 60 दुकानों व स्टॉल, 434 नौकाएं और 41 मोटर वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उत्तरी जावा के बेनटेन प्रांत के पांडेगलांग रिजेंसी में सबसे ज्यादा 290 मौतें हुई हैं। सुतोपो ने कहा, ‘सुनामी चेतावनी पहले जारी करने के प्रणाली के अभाव व अनुपस्थिति की वजह से भारी क्षति हुई क्योंकि लोगों के पास अपने घरों को खाली करने का समय नहीं था।’

कुत्तों और भारी मशीनरी की मदद के साथ बचावकर्मी मलबे के हर ढेर को खंगाल रहे हैं जो त्रासदी से पहले स्थानीय निवासियों के घर और दुकानें थीं। बीएनपीबी के प्रवक्ता ने कहा कि अभी भी सामग्रियों, टेंट व अन्य जरूरी चीजों की काफी जरूरत है। सुतोपो के अनुसार, इंडोनेशिया नौसेना ने समुद्र और जावा द्विप के तटों से दूर कई शवों को बरामद किया है।

सोशल मीडिया पर साझा एक वीडियो में दिखाया जा रहा है कि राहतकर्मियों का एक समूह 12 घंटों तक फंसे रहे एक पांच साल के एक बच्चे को जीवित बचाने में कामयाब रहा। बीएनपीबी ने बताया कि कि इंडोनेशिया में ज्वालामुखी की गतिविधियों के कारण आने वाली सुनामी की चेतावनी प्रणाली नहीं है और भूकंप के बाद समुद्र की लहरों में अचानक वृद्धि का पता लगाने में विफल रहने के लिए प्रबंधन, रखरखाव और धन की कमी जिम्मेदार है।

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