हिंसा के मुद्दे पर भारत म्यांमार के साथ : PM मोदी - Punjab Kesari
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हिंसा के मुद्दे पर भारत म्यांमार के साथ : PM मोदी

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भारत ने म्यांमार से आए करीब 40 हजार रोहिंग्या मुसलमानों को देश में पनाह देने से इनकार कर दिया है । बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची के साथ साझा बयान में रोहिंग्या मुस्लिमों का मुद्दा उठाया। बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोहिंग्या मुसलमानों के पलायन को लेकर चिंता जताई है ।

आंग सान सू ची के साथ साझा बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शांति के लिए आप जिन चुनौतियों का सामना आप कर रहे हैं, वह हम समझते हैं । उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश होने के नाते सुरक्षा के क्षेत्र में हमारे हित एक जैसे हैं, इसलिए हमें मिलकर काम करना चाहिए।

वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि द्विपक्षीय वार्ता के लिए यह उनका पहला दौरा है और यहां जिस गर्मजोशी से मेरा स्वागत किया गया है, उससे मैं महसूस करता हूं कि मैं अपने ही घर में हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का लोकतांत्रिक अनुभव म्यांमा के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि म्यांमार में इलेक्शन कमीशन, प्रेस काउंसिल जैसी संस्थाओं के निर्माण में हमें हमारे सहयोग पर गर्व है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान एलान किया कि भारत म्यांमार के लोगों को मुफ्त ग्रेटिस वीजा प्रदान करेगा।

सू ची ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे से हमारे 70 साल के संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि भारत हमारा लोकतांत्रिक प्रक्रिया में साझीदार होगा।

आपको बता दे बौद्ध बहुल म्यांमार में करीब 10 लाख रोहिंग्या मुसलमान हैं। इनको मुख्य रूप से अवैध बांग्लादेशी प्रवासी माना जाता है। म्यांमार सरकार ने कई पीढ़ियों से रह रहे इस समुदाय के लोगों की नागरिकता छीन ली है। रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार के रखाइन प्रांत में सदियों से बसे हैं। लगभग सभी रोहिंग्या म्यांमार के रखाइन (अराकान) राज्य में रहते हैं। यह सुन्नी मुसलमान हैं।

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