PM मोदी-जिनपिंग की बैठक से पहले सुलझेगा भारत-चीन सीमा विवाद? - Punjab Kesari
Girl in a jacket

PM मोदी-जिनपिंग की बैठक से पहले सुलझेगा भारत-चीन सीमा विवाद?

भारत-चीन के बीच लंबे समय से लड़ाई चल रही है इसलिए भारत कोशिश कर रहा रहै की दोनों

भारत-चीन के बीच लंबे समय से लड़ाई चल रही है इसलिए भारत कोशिश कर रहा रहै की दोनों देशों के बीच रिश्तों ठीक हो सके । आपने बीते सालों मे देखा होगा कि चीन कैसे भारत की सीमा पर कब्जा करने का दावा कर रहा था तब कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि मोदी सरकार में भारत की सीमा पर लगातार चीन निर्माण कर रहा है इसके बाद बीजेपी ने इन सभी बातों को गलत ठहराया था।
भारत चीन के रिश्तों को बेहतर किया जा रहा
 लेकिन चीन के साथ होने वाली  बैठको सें दोनों देशों के बीच के रिश्तो को ठीक किया जा रहा है।  इन सबके बीच  सीमा पर विवादों को सुलझाने के लिए एक बार फिर बातचीत हुई है। 13-14 अगस्त को कोर कमांडर लेवल मीटिंग के बाद  मेजर जनरल स्तर की वार्ता हुई थी।
 पीएम नरेंद्र मोदी जिनपिंग से करेंगे सीमा विवाद पर बात
दोनों पक्षों के बीच यह वार्ता पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठक से पहले हुई है। दोनों पक्षों ने सीमा प्रबंधन के तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए पूर्वी लद्दाख में दो स्थानों पर अलग-अलग बैठकें कीं।  मेजर जनरल के स्तर पर आयोजित बैठकें दो स्थानों पर आयोजित की गईं थी ।
अप्रैल 2020 शुरु हुआ था विवाद
आपको याद होग की दोनों देशों के बीच अप्रैल 2020 से गतिरोध बना हुआ है। लेकिन अब रिश्तों को बेहतर बनामे की पहल शुरु हो चुकी है बता दें दक्षिण अफ्रीका में 22 से 24 अगस्त को होने वाली  ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बीच वार्ता होगी वहींं सूत्रों का कहना है कि दोनों पक्षों के मेजर जनरलों को देपसांग मैदानी इलाकों और डेमचोक के पास चारडिंग नाला से सैनिकों की वापसी कर मतभेदों को सुलझाने का काम सौंपा गया है।
 देपसांग के मामले को सुलझाया जायेगा
आपको बता दें भारत देपसांग प्लेन्स और सीएनएन जंक्शन पर सीमा मुद्दों को सुलझाना चाहता है। इन दोनों स्थानों पर भारतीय पक्ष की ओर से मेजर जनरल पीके मिश्रा त्रिशूल डिविजन से और मेजर जनरल हरिहरन यूनिफॉर्म फोर्स की ओर से कमांडिंग कर रहे हैं।  972 वर्ग किमी के पठार देपसांग में विवादों के समाधान पर बातचीत में गतिरोध रहा है। जहां दोनों पक्षों के बीच सैनिकों की स्थिति पर असहमति है, खासतौर पर देपसांग के पूर्वी किनारे पर। भारत देपसांग में इस गश्ती मार्ग पर पीएलए द्वारा जानबूझकर भारतीय गश्त को रोकने पर आपत्ति जताता रहा है। अप्रैल 2020 से पहले, भारतीय सैनिक गश्ती मार्ग का उपयोग कर रहे थे लेकिन पीएलए इन्हें रोकने के लिए 30 साल पुराने सीमा समझौते के एक खंड का चालाकी से उपयोग कर रहा है।
भारत-चीन के बीच कोर कमांडर-स्तरीय पर  19 वीं वार्ता
भारत-चीन के बीच कोर कमांडर-स्तरीय पर 19 वीं वार्ता हुई थी ।  इस दौरान मंगलवार को जारी एक  बयान में कहा गया था।  की दोनों पक्षों के बीच सकारात्मक, रचनात्मक बातचीत हुई है । पश्चिमी सेक्टर में एलएसी के साथ  मुद्दों के समाधान पर चर्चा हुई। इस दौरान कहा गया है कि शेष मुद्दों को शीघ्रता से हल करने और सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत और बातचीत की गति बनाए रखने पर सहमत हुए है अब देखना होगा की  भारत और चीन के बीच हुई बात से कितना फायदा मिलेगा।  और क्या दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर होगे या नहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nine + 1 =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।