अमेरिका में राहुल बाबा बोले - असहिष्णुता से बिगडी भारत की छवि, भाजपा का पलटवार - Punjab Kesari
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अमेरिका में राहुल बाबा बोले – असहिष्णुता से बिगडी भारत की छवि, भाजपा का पलटवार

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न्यूयॉर्क : दो हफ्ते के अमेरिका दौरे पर गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अपने दौरे के आखिरी दिन आज न्यूयॉर्क में हैं। उन्होंने यहां रह रहे प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। राहुल ने देश में बढ़ती हिंसक घटनाओं और असहिष्णुता को लेकर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की। राहुल ने कहा कि भारत को हजारों सालों से एकता और शांति के साथ रहने के लिए दुनियाभर में जाना जाता है, लेकिन कुछ ताकतें भारत को बांट रही हैं और दुनिया में भारत की छवि खराब कर रही हैं। भारत में असहिष्णुता के बारे में अमेरिका में भी लोग मुझसे पूछ रहे हैं। राहुल ने प्रवासी भारतीयों से देश की छवि को बचाने की अपील की। राहुल गांधी ने रोजगार के मुद्दे पर भी मोदी सरकार को घेरा और कहा कि रोजगार का संकट इसलिए है, क्योंकि सिर्फ 50-60 कंपनियों पर ही ध्यान दिया जा रहा है।

 

इससे पूर्व एक कार्यक्रम में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने स्वीकार किया कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली पूर्व की संप्रग सरकार पर्याप्त रोजगार पैदा नहीं कर पाई थी और उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भी अपने वादे के बावजूद रोजगार पैदा करने में विफल साबित हुई है। प्रिंस्टन युनिवर्सिटी में यहां मंगलवार को विद्यार्थियों के साथ बातचीत में कांग्रेस नेता ने कहा कि नरेंद्र मोदी और एक हद तक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उदय के पीछे रोजगार का सवाल था।

राहुल गांधी ने कहा कि हमारी आबादी के एक बड़े हिस्से के पास रोजगार नहीं है और इसलिए वे परेशान हैं और उन्होंने इसीलिए इस तरह के नेताओं का समर्थन किया है। समस्या यह है कि रोजगार को लेकर इन नेताओं का रिकॉर्ड -मैं ट्रंप के बारे में नहीं कहता, क्योंकि उनके बारे में नहीं जानता- लेकिन हमारे प्रधानमंत्री का तो निश्चित रूप से अच्छा नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि भारत में रोजगार मुख्य चुनौती है और प्रति दिन 30,000 युवा रोजगार बाजार में प्रवेश कर रहे हैं. लेकिन मात्र 450 रोजगार पैदा हो रहे हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने स्वीकार किया कि पूर्व की संप्रग सरकार पर्याप्त रोजगार पैदा नहीं कर पाई थी, और यही एक प्रमुख कारण था कि 2014 के आम चुनाव में मोदी के नेतृत्व में भाजपा की जीत हुई थी।

राहुल ने कहा कि इसलिए जो लोग हमसे नाराज थे, क्योंकि हम 30,000 रोजगार पैदा नहीं कर सके। वही आज मोदी से नाराज हैं। केंद्रीय मुद्दा इस समस्या को सुलझाने का है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर रोजगार सृजन के मुद्दे से ध्यान हटाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, भारत में इस समय लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। हम इसे महसूस कर सकते हैं। ऐसे में मेरे लिए चुनौती यह है कि इस समस्या का एक लोकतांत्रिक तरीके से समाधान कैसे निकाला जाए। राहुल गांधी ने कहा कि स्पष्ट कहूं तो कांग्रेस पार्टी ऐसा नहीं कर पाई. लेकिन मोदी भी इसमें असफल हैं। यह एक गंभीर समस्या है। इसलिए हमें पहले इसे समस्या के रूप में स्वीकार करना होगा और उसके बाद हमें इसे मिलकर सुलझाना होगा। लेकिन फिलहाल इसे कोई स्वीकारने को तैयार नहीं है। राहुल ने कहा, दूसरी चुनौती शहरों के लिए भारी पलायन है और इन शहरों पर जितना दबाव है। उसे बर्दाश्त करने की स्थिति में वे नहीं हैं. उन्होंने कहा कि भारत में सिर्फ अकुशल रोजगार तैयार किए गए हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि यदि आप आज अकुशल रोजगार को देखें तो चीन उन पर हावी है। चीन उन पर इसलिए हावी हैं, क्योंकि उनके पास एक खास तरह की राजनीतिक व्यवस्था है। वे उनपर हावी होने के लिए ताकत का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन वहां उन्हें प्रतिस्पर्धात्मकता का एक लाभ मिला है। उन्होंने कहा, लोकतांत्रिक देश अकुशल रोजगार पैदा करने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। मेरे हिसाब से यह एक वास्तविक समस्या है, यही समस्या अमेरिका, भारत और यूरोप में है। वे अकुशल रोजगार पैदा करने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। गांधी ने कहा, ”जितनी नौकरियों की जरूरत है, उतनी नहीं हैं. भारत में यही समस्या सिर उठाए हुए है।

 राहुल बाबा…तीन पीढ़ी का हिसाब मांग रही जनता
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उधर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह देहरादून प्रवास के दौरान एक बार फिर कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका जाकर राहुल बाबा पूछते हैं कि क्या विकास हुआ, सरकार जवाब दे। मैं तो तीन साल का हिसाब अभी दे दूंगा, मगर राहुल बाबा आपसे तो जनता तीन पीढ़ी का हिसाब मांग रही है।’

भाजपा के जिला और मंडल स्तरीय पदाधिकारियो की बैठक में शाह ने राहुल गांधी को निशाने पर रखा और बोले, ‘राहुल बाबा, आपके परनाना जवाहरलाल नेहरू, दादी इंदिरा गांधी, पिता राजीव गांधी और आपकी माता सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह के साथ मिलकर शासन किया। इन तीन पीढ़ी का हिसाब तो मांगा ही जाएगा।’

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