पाकिस्तान में लगातार अल्पसंख्यकों पर ईशनिंदा के आरोप में जेल में ठूस रही हैं। अक्सर अपनी आक्रोशित भावना को सही ठहराने के लिए इस्लामिक कट्टरपंथी हिंदु परिवारों को निशाना बनाती हैं। कल भी पाक के दक्षिणी सिंध प्रांत में एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार को ईशनिंदा के मामले में एक हिंदू शिक्षक को उम्रकैद की सजा सुनाई।
2019 में लगा था ईशनिंदा करने का आरोप
सिंध के घोटकी में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मुर्तजा द्वारा शिक्षक नौतन लाल पर 50,000 पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।अदालत ने 2019 से जेल में बंद लाल को दोषी ठहराया। पिछले दो साल में लाल की जमानत अर्जी दो बार खारिज हुई।
कट्टरपंथी नेता अब्दुल करीम सईदी ने की थी शिकायत
लाल को सितंबर 2019 में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिसमें एक स्कूली छात्र ने हिंदू शिक्षक पर ईशनिंदा का आरोप लगाया था। कुछ ही समय बाद, जमात-ए-अहले सुन्नत पार्टी के इस्लामिक कट्टरपंथी नेता अब्दुल करीम सईदी ने ईशनिंदा अधिनियम के तहत लाल के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
क्या हैं पाक में ईशनिंदा कानून जिसके जरिए कट्टरपंथी लोग बनाते हैं हिंदुओ को निशाना
ईशनिंदा यानी ईश्वर की निंदा. अगर कोई इंसान जानबूझकर पूजा करने की जगह को नुकसान पहुंचाता है, धार्मिक कार्य में बाधा पहुंचाता है, धार्मिक भावनाओं का अपमान करता है या इन्हें ठेस पहुंचाता है तो यह ईशनिंदा के दायरे में आता है। दुनिया के कई देशाें में ईशनिंदा पर कानून भी बने हुए है। इन देशों में ईशनिंदा करने पर एक तय सजा का प्रावधान भी है। इसी कानून की आड़ में कट्टरपंथी मुस्लिम हिंदुओं की मलिन बस्तियों को अपना निशाना बनाती हैं। कई बार पाक इस कानून के चलते संयुक्त राष्ट्र की खरी खोटी भी सुन चुका हैं। लेकिन बाकि धर्मो के लोग मुस्लिम धार्मिक कानून के खिलाफ रहता हैं। दुनिया के 26 फीसदी देशों में ऐसे ही कानून हैं, जिसमें धर्म का अपमान करने पर सजा का प्रावधान है. इनमें से 70 फीसदी मुस्लिम देश है।