99 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले देश में दाह संस्कार के लिए निभाई जा रही हैं हिंदू रस्म - Punjab Kesari
Girl in a jacket

99 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले देश में दाह संस्कार के लिए निभाई जा रही हैं हिंदू रस्म

इंडोनेशिया के बाली में पदंगबाई बंदरगाह के तट पर सफेद शर्ट और पारंपरिक कपड़े पहने सैकड़ों लोग पहली

इंडोनेशिया के बाली में पदंगबाई बंदरगाह के तट पर सफेद शर्ट और पारंपरिक कपड़े पहने सैकड़ों लोग पहली बार अपने गांव में सामूहिक दाह संस्कार के लिए एकत्र हुए। पदंगबाई में ये परिवार 117 मृतकों का अंतिम संस्कार कर रहे थे। उन्हें पहले एक सार्वजनिक कब्रिस्तान में दफनाया गया था, जो श्मशान स्थल से ज्यादा दूर नहीं है। दाह संस्कार आमतौर पर परिवार अलग-अलग करते हैं, लेकिन सामूहिक दाह-संस्कार लागत के बोझ को कम करता है। कुछ परिवारों ने दाह संस्कार के लिए पांच साल से अधिक समय तक इंतजार किया।
शव को लेकर समुंद्र तक निकाला जूलूस 
हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार शुक्रवार सुबह शुरू हुआ, जब निवासियों ने शवों के साथ 20-फुट लंबी लकड़ी की मीनार और गज मीना (हाथी के सिर वाली मछली) के आकार में एक ताबूत के साथ समुद्र तट तक जुलूस निकाला। अंतिम संस्कार में शामिल हुए परिजन अपने मृत सदस्य की तस्वीर लेकर आए थे जिसे उन्होंने ताबूत में लगा दिए।
दाह संस्कार के कारण आत्मा को शांति –  निवासी इड़ोनेशिया 
जैसे ही जुलूस कब्रिस्तान के चारों ओर एक विशाल स्थान पर पहुंचा, रिश्तेदारों ने अस्थियों को लिया और अंतिम संस्कार से पहले उन्हें ताबूत में डाल दिया। बाली के हिंदुओं का मानना ​​है कि दाह संस्कार मृतकों की आत्मा को मुक्ति देता है ताकि वे जीवन का अगला चक्र शुरू कर सकें। करंगसेम सांस्कृतिक गांव के सचिव एका प्रिमावता ने कहा, ‘‘हम सामूहिक दाह संस्कार कर रहे हैं, इसलिए हम इसे एक साथ कर सकते हैं।’’
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।