हक्कानी, हाफिज सईद और लश्कर-ए-तैयबा बोझ बन गए है : पाक विदेश मंत्री - Punjab Kesari
Girl in a jacket

हक्कानी, हाफिज सईद और लश्कर-ए-तैयबा बोझ बन गए है : पाक विदेश मंत्री

NULL

लश्कर-ए-तैयबा का मतलब होता है अच्छाई की सेना। लेकिन इसके बैनर तले आतंकवाद का पाठ पढ़ाया जाता है। इसके झंडे के नीचे बेगुनाहों का खून बहाने की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके कैंपों में पड़ोसी देशों को अस्थिर करने की न केवल साजिश रची जाती है, बल्कि उन्हें अंजाम भी दिया जाता है। लेकिन पाकिस्तान में नफरत की क्यारी में इस तरह के फूल लगाए गए जो न केवल भारत को अस्थिर कर रहा है, बल्कि पाकिस्तान भी अब उनसे परेशान है। वैसे तो पाकिस्तान के हुक्मरान कभी इस बात को स्वीकार नहीं करते हैं कि उसकी जमीन में आतंक की पौध बोयी गई थी। लेकिन पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि लश्कर का मुखिया हाफिज सईद अब बोझ बन चुका है।

विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि यह कहना बहुत आसान है कि पाकिस्तान हक्कानी, हाफिज सईद और लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन कर रहा है।लेकिन वो देश के लिए बोझ है और हमने पहले भी कहा है यह हमारे लिए बोझ है, लेकिन हमें इस बोझ को दूर करने के लिए थोड़ा वक्त दीजिए। विदेश मंत्री ने कहा कि हमारे पास इस बोझ को कम करने के लिए पर्याप्त साधन नही हैं।

आसिफ ने यह भी कहा कि ”पाक को हक्कानी और हाफिद सईद के लिए दोषी मत ठहराइए। 20 से 30 साल पहले ये लोग आपके खास थे।उनकी व्हाइट हाऊस में खातिरदारी की जा रही थी और अब आप पाकिस्तान को दरकिनार करते हैं, क्योंकि आपका कहना है कि हम इन्हें पनाह दे रहे हैं।

वहीं पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अधिकारियों ने हाफिज सईद की नजरबंदी एक महीने के लिए बढ़ा दी है। पाक का कहना है कि उसकी गतिविधियां देश में शांति के लिए खतरा है। बता दें कि जमात-उद-दावा का प्रमुख सईद इस वर्ष 31 जनवरी से नजरबंद है। हाफिज सईद के साथ पंजाब गृह विभाग ने उसके चार साथी अब्दुल्ला उबेद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी काशिफ हुसैन की नजरबंदी 25 सितम्बर के प्रभाव से 30 दिन के लिए बढ़ा दी है।

यूं बना था लश्कर

लश्कर-ए-तैयबा की शुरुआत अफगानिस्तान के कुन्नार प्रांत में वर्ष 1987 में हुई थी। हाफिज सईद के अलावा इस संगठन को शुरू करने में अब्दुरल्लात आजम और जफर इकबाल नामक दो और व्यक्ति शामिल थे।लश्कर के अलावा हाफिज सईद ने जमात-उद-दावा की शुरुआत की। वर्ष 2008 में मुंबई आतंकी हमलों के बाद हाफिज सईद ने जमात-उद-दावा की शुरुआत की। इस संगठन को हाफिज और पाक दोनों ही चैरिटेबल ट्रस्ट बताते हैं। जबकि अमेरिका और यूनाइटेड नेशंस ने इसे बैन किया हुआ है। पांच दिसंबर 2001 में अमेरिका ने इसे अपनी आतंकी लिस्ट में शामिल किया। भारत ने भी इसे एक कानून के तहत बैन कर दिया था। 26 दिसंबर 2001 को अमेरिका ने इसे एफटीओ यानी फॉरेन टे‍ररिस्ट संगठन करार दिया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nine − 2 =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।