दुनिया में अपनी दहशत से लाखों की जान लेने वाला कोरोना वायरस अब नए स्वरुप के साथ एक बार फिर वापिस आ गया है, जो पहले से कई गुणा अधिक घातक है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सोमवार को कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन से देश में पहले मरीज की मौत की पुष्टि की। इसके साथ ही ये दुनिया में ओमीक्रोन स्वरूप से मौत का पहला मामला भी है।
जॉनसन ने ओमीक्रोन से पहली मौत की जानकारी साझा करने के साथ ही लोगों को आगाह किया कि वे वायरस के इस स्वरूप को डेल्टा स्वरूप से कमतर नहीं समझें। साथ ही उन्होंने देश के सभी पात्र लोगों से टीके की बूस्टर खुराक लेने की भी अपील की।
ये सच है कि ओमीक्रोन के कारण लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है
ओमीक्रोन आपातकालीन अभियान के प्रति जागरूक करने के वास्ते पश्चिमी लंदन के एक क्लीनिक की यात्रा के दौरान जॉनसन ने वायरस के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर आने वाले दिनों में और प्रतिबंध लगाए जाने की संभावना से इंकार किया।
प्रधानमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ” ये सच है कि ओमीक्रोन के कारण लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है और अफसोस है कि ओमीक्रोन के कारण एक मरीज की मौत हो चुकी है।” उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि केवल लंदन में ही सामने आने वाले संक्रमण के कुल मामलों में से करीब 40 फीसदी मरीज ओमीक्रोन से पीड़ित हैं।
मौतों की संख्या 25,000 से 75,000 तक हो सकती है
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को लेकर बड़ी चेतावनी दी है कि अप्रैल के अंत तक देश में ओमिक्रॉन से होने वाली मौतों की संख्या 25,000 से 75,000 तक हो सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन के विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड के ओमिक्रॉन स्वरूप को लेकर अभी भी अनिश्चितता है।
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जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, LSHTM की स्टडी इस धारणा पर आधारित है कि यदि किसी को टीका लगाया गया है तो ओमिक्रॉन का असर उस पर कम है और मौजूदा प्लान बी उपायों को भी ध्यान में रखा गया है। शोधकर्ताओं ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की डोज अधिक लेने से ओमिक्रॉन का प्रभाव कम होने की संभावना है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 47 से ज्यादा देशों में फैल चुके ओमिक्रॉन वैरिएंट
बता दें कि इस साल नवंबर महीने के आखिरी सप्ताह में कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की पहचान हुई और इस वेरिएंट ने पूरी दुनिया में अनिश्चिय और भय पैदा कर दिया है। हालांकि, डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 47 से ज्यादा देशों में फैल चुके ओमिक्रॉन वैरिएंट से अब तक कहीं भी मौत का मामला सामने नहीं आया है। लेकिन, तेजी से बढ़ते संक्रमण की वजह से अमेरिका व दक्षिण अफ्रीका सहित यूरोप के कई देशों के अस्पतालों में संक्रमितों की बाढ़-सी आने लगी है।