अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्वीकार किया है कि उन्होंने 2018 में रूस की इंटरनेट रिसर्च एजेंसी (आईआरए) पर साइबर हमला करने का आदेश दिया था।
ट्रंप ने यह बातें वाशिंगटन पोस्ट को दिये गये साक्षात्कार में कही है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने साल 2018 में रूस की आईआरए पर साइबर हमले का आदेश दिया था, जिस पर 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप लगे थे। उन्होंने कहा कि रूस के मुद्दे पर उनसे अधिक सख्त कोई नहीं रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को चुनाव से पहले पता चल गया था कि रूस इसमें गड़बड़ कर रहा है लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा।
चीन के साथ दूसरे चरण के व्यापार सौदे से फिलहाल के लिए इनकार
वहीं ट्रंप ने चीन के साथ दूसरे चरण के व्यापार सौदे से फिलहाल के लिए इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस प्रकोप से निपटने के बीजिंग के तरीके के चलते दोनों देशों के बीच संबंधों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है। ट्रंप ने व्यापार समझौते के बारे में शुक्रवार को बताया, ‘‘चीन के साथ संबंध बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। मैं अभी इसके बारे में नहीं सोच रहा हूं।”
साल की शुरुआत में, ट्रंप प्रशासन ने चीन के साथ गहन बातचीत के बाद पहले चरण का बड़ा व्यापार सौदा किया था।लेकिन, कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद से वाशिंगटन और बीजिंग के बीच संबंधों में लगातार खटास आती गई। राष्ट्रपति ट्रंप कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के एशियाई महाशक्ति के तरीके पर सवाल उठाते रहे हैं। चीन द्वारा हांग कांग में नये राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करने, अमेरिकी पत्रकारों पर प्रतिबंध, उइगर मुस्लिमों के साथ बर्ताव और तिब्बत में सुरक्षा उपायों को लेकर भी दोनों देशों में विवाद रहा।
ट्रंप ने कहा, “चीन के साथ संबंध बहुत अधिक खराब हो चुके हैं। वे महामारी को रोक सकते थे लेकिन उन्होंने इसे रोका नहीं। उन्होंने इसे वुहान प्रांत से चीन के अन्य हिस्सों में फैलने से रोका। वे चाहते तो इस महामारी को और जगह जाने से भी रोक सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।”