इमरान-बुशरा की गैर-इस्लामिक शादी पर अदालत का फैसला
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इमरान-बुशरा की गैर-इस्लामिक शादी पर अदालत का फैसला

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को एक स्थानीय अदालत ने गैर-इस्लामिक निकाह का दोषी ठहराते हुए 7-7 साल की जेल और 5-5 लाख रुपये का जुर्माना सुनाया है। इस फैसले के बाद इमरान के समर्थकों में गुस्सा है, वहीं नारीवादी वकीलों ने इसे शर्मनाक और नारी गरिमा पर ठेस पहुंचाने वाला करार दिया है।

इमरान और बुशरा के निकाह को गैर-इस्लामिक बताया गया

बता दें कि बुशरा बीबी के पहले पति खावर फरीद मानेका ने इमरान और बुशरा के निकाह को गैर-इस्लामिक बताते हुए याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि बुशरा ने तलाक के बाद ‘इद्दत’ अवधि का पालन नहीं किया था, जो कि इस्लामिक कानून के तहत अनिवार्य है। अदालत ने याचिका को स्वीकार करते हुए इमरान और बुशरा को दोषी ठहराया और उन्हें सजा सुनाई। इमरान के समर्थकों का कहना है कि यह फैसला राजनीति से प्रेरित है और इसका उद्देश्य इमरान को बदनाम करना है। दूसरी तरफ, नारीवादी वकीलों का कहना है कि यह फैसला महिलाओं के अधिकारों के लिए एक बड़ा झटका है। उनका कहना है कि यह फैसला महिलाओं को तलाक के बाद पुनर्विवाह करने से हतोत्साहित करेगा।

जज कुरातुल्लाह ने 2018 में हुए निकाह को रद्द करने का फैसला सुनाया

सिविल जज कुरातुल्लाह ने 2018 में हुए निकाह को रद्द करने का फैसला सुनाया। फैसले से आक्रोशित समर्थकों और नारीवादी वकीलों ने कहा है कि अदालत का फैसला दंपती के निजी मामलों में घुसपैठ के समान है। वकील और राजनीतिक टिप्पणीकार रीमा ओमर के मुताबिक बुशरा के पहले पति मनेका का बुशरा के पीरियड्स को लेकर दिया बयान शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि अपने फैसले में जज ने सवाल किया कि क्या इस्लाम में नेहराम (अजनबी) पुरुष और महिला को ‘अलग-थलग किसी भी तरह की मुलाकात’ की अनुमति है? ऐसी टिप्पणी शर्मनाक है। इससे न्याय और मानवाधिकारों का मजाक बनता है।इमरान और बुशरा को दोषी ठहराए जाने के फैसले के बाद उनकी पार्टी- पीटीआई ने कहा है कि वह अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। खुद इमरान ने कहा है कि राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित उनके प्रतिद्वंद्वियों ने उन्हें इस मामले में फंसाया है।

न्याय के स्थापित सिद्धांतों का उल्लंघन

महिला वकीलों ने अदालत के फैसले को विवादास्पद बताते हुए कहा कि इससे न्याय के स्थापित सिद्धांतों का उल्लंघन होता है। महिला वकीलों का आरोप है कि जैविक रूप से मासिक धर्म जैसी चीजें महिलाओं के निजी मामले हैं। कोर्ट के फैसले में इनका जिक्र होने से नारी गरिमा को ठेस पहुंचती है। बुशरा के पहले पति खावर मनेका ने एक जनवरी, 2018 को शादी की थी। शादी के लगभग छह साल बाद मनेका ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने बुशरा बीबी ने ‘इद्दत’ पूरी किए बिना इमरान खान से शादी की। उन्होंने इमरान और बुशरा पर शादी से पहले भी अनैतिक रिश्ता (adulterous relationship) रखने का आरोप लगाया।

दंड संहिता की धारा 496 के तहत सजा

पाकिस्तान की अदालत में न्यायाधीश ने पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 496 के तहत सजा सुनाई। उन्होंने 1 जनवरी, 2018 के निकाह को रद्द कर दिया। उन्होंने लिखा, कोई भी बेईमानी से या कपटपूर्ण इरादे से, यह जानते हुए शादी करे कि यह गैरकानूनी है; उसे दंड मिलना चाहिए। कानूनी रूप से विवाहित नहीं होने पर सात साल तक कारावास की सजा मिलेगी। साथ में जुर्माना भी लगाया जाएगा। इस मामले का एक पहलू यह भी है कि इमरान खान और बुशरा बीबी अभी भी ‘वैध रिश्ते’ में हैं। अदालत के फैसले के मुताहिक सुनाया कि 14 फरवरी, 2018 को किया गया उनका दूसरा निकाह कानूनी था।

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