पृथ्वी के वातावरण में पुन: प्रवेश करेगी चीन की अंतरिक्ष प्रयोगशाला - Punjab Kesari
Girl in a jacket

पृथ्वी के वातावरण में पुन: प्रवेश करेगी चीन की अंतरिक्ष प्रयोगशाला

वायुमंडल में अंतरिक्षयान के ज्यादातर हिस्से जल जाएंगे और थोड़े से मलबे के दक्षिण प्रशांत महासागर में सुरक्षित

चीन की प्रायोगिक अंतरिक्ष प्रयोगशाला तिआनगोंग-2 नियंत्रित रूप से अपनी कक्षा से बाहर निकलेगी और प्रशांत महासागर में गिरने के लिए पृथ्वी के वायुमंडल में पुन: प्रवेश करेगी। देश की आधिकारिक अंतरिक्ष एजेंसी ने यह जानकारी दी। चीन के मानव अंतरिक्ष इंजीनियरिंग कार्यालय (सीएमएसईओ) ने बताया कि अंतरिक्ष प्रयोगशाला को दिए सभी काम पूर हो गए हैं। शुक्रवार को इसके कक्षा से निकलने और पृथ्वी के वायुमंडल में पुन: प्रवेश करने का कार्यक्रम है। हालांकि उसने इसके लिए सटीक समयसारिणी नहीं बताई। 
सीएमएसईओ ने बताया कि अंतरिक्षयान और उसके सभी उपकरण सही तरीके से काम कर रहे हैं। तिआनगोंग-2 के वायुमंडल में नियंत्रित तरीके से पुन: प्रवेश की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। सीएमएसईओ ने 13 जुलाई को बताया कि वायुमंडल में अंतरिक्षयान के ज्यादातर हिस्से जल जाएंगे और थोड़े से मलबे के दक्षिण प्रशांत महासागर में सुरक्षित इलाके में गिरने की संभावना है। 
सरकारी मीडिया की खबरों के अनुसार, तिआनगोंग-2 चीन की पहली अंतरिक्ष प्रयोगशाला है जिसे 15 सितंबर 2016 को प्रक्षेपित किया गया था। इस अंतरिक्ष प्रयोगशाला ने कक्षा में 1,000 से अधिक दिन तक काम किया जो उसके दो साल की निर्धारित आयु से अधिक है। चीन की साल 2022 तक स्थायी अंतरिक्ष केंद्र प्रक्षेपित करने की योजना है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।