चीन के शासन विरोधी और नोबेल पुरस्कार विजेता लियू का निधन - Punjab Kesari
Girl in a jacket

चीन के शासन विरोधी और नोबेल पुरस्कार विजेता लियू का निधन

NULL

शेनयांग : नोबेल पुरस्कार विजेता लियू शियावबो की देश से बाहर जाने की अंतिम इच्छा पूरी नहीं करने को लेकर कम्युनिस्ट देश की बेहद कटु आलोचना हो रही है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय उनकी विधवा पत्नी को रिहा करने को लेकर बीजिंग पर दबाव बना रहा है। अमेरिका और यूरोपीय संघ ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग सरकार से अनुरोध किया है कि वह अब लियू की पत्नी को देश से बाहर जाने की अनुमति दे दे। लेखिका लियू शिया वर्ष 2010 से ही नजरबंद हैं।

Louis Xiabao

अंतराष्ट्रीय समुदाय ने बीजिंग से किया उनकी पत्नी को रिहा करने का अनुरोध
चीनी डॉक्टरों का कहना है कि कैंसर से जूझ रहे लियू के अंतिम क्षणों में उनकी पत्नी साथ में थीं। चीन सरकार ने लियू शिया का बाहरी दुनिया से संपर्क काटा हुआ है और किसी को उनके रहने के स्थान का पता नहीं है। उनके पति की मृत्यु के बाद अंतराष्ट्रीय समुदाय बीजिंग से अनुरोध कर रहा है कि उन्हे रिहा कर दिया जाए।

Louis Xiabao1 1

बीजिंग लियू के परिवार को शांति से उनका अंतिम संस्कार करने की अनुमति दे : ईयू
अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा, ”मैं चीन सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह लियू शिया को नजरबंदी से रिहा करे और उनकी इच्छानुसार उन्हें चीन से बाहर जाने की अनुमति दे।” यूरोपीय संघ ने अनुरोध किया है कि बीजिंग लियू के परिवार को शांति से उनका अंतिम संस्कार करने की अनुमति दे।

Merkel

मानवाधिकार के लिए साहसी योद्धा थे लियू : मर्कल
लियू शिया के अमेरिकी वकील जेरेड गेन्सर का कहना है कि पिछले 48 घंटों से उनके साथ संपर्क के सभी रास्ते बंद कर दिये गये हैं। लियू की मौत पर जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने लियू को ”मानवाधिकार के लिए साहसी योद्धा” बताया है, जबकि ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि यह ‘गलत’ है कि बीजिंग ने लियू को विदेश जाने की अनुमति नहीं दी। नोबेल समिति ने एक बयान में कहा कि हमें यह बहुत दुखद लग रहा है कि लियू शियावबो के बहुत ज्यादा बीमार होने तक उन्हें अच्छे इलाज के लिए बड़े अस्पताल में नहीं भेजा गया। संयुक्त राष्ट्र महासिचव एंटोनियो गुटारेस ने भी लियू के असामयिक निधन पर शोक जताया है।

चीनी विदेश मंत्रालय ने किया सभी आलोचनाओं को खारिज
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने लियू के मौत पर चीन की आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा है कि डॉक्टरों ने उनक इलाज का पूर्ण प्रयास किया। शिन्हुआ के अनुसार, शुआंग ने कहा,, ”चीन विधि के शासन के तहत शासित राष्ट्र है। लियू शियावबो की मौत का मामला चीन का आंतरिक मसला है, और अन्य देश इस संबंध में अनुचित टिप्पणियां करने की स्थिति में नहीं हैं।” गौरतलब है कि 61 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता को एक महीने पहले ही जेल से शेनयांग शहर के अस्पताल लाया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twenty − fourteen =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।