ब्रसेल्स : यूरोपीय संघ (ईयू) ने मंगलवार को चीन से थियानमेन चौक प्रदर्शन पर दमनात्मक कार्रवाई के संदर्भ में लगायी गयी पाबंदी हटाने की अपील की और कहा कि उसे 1989 की इस खूनी घटना में मारे गये या सलाखों के पीछे डाल दिये गये लोगों की पहचान स्वीकार कर लेनी चाहिए।
बीजिंग में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शन पर नृशंस दमनात्मक कार्रवाई की 30 वीं बरसी पर ईयू ने चीन से हिरासत में रखे गये मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को रिहा करने का आह्वान किया।
चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने उस प्रदर्शन और दमनात्मक कार्रवाई के संबंध पर किसी भी चर्चा पर रोक लगा दी है ताकि चीनी लोग यह नहीं जान पाएं कि उस दिन क्या हुआ था। 1989 में चार जून को चीन की दमनात्मक कार्रवाई में 1000 से अधिक लोग मारे गये थे।
ईयू की राजनयिक प्रमुख फेडेरिका मोघेरिनी ने कहा कि यूरोपीय संघ को थियानमेन चौक पर नृशंस कार्रवाई में लोगों की मौत का अब भी शोक है।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘ चार जून को कितने लोग मारे गये या कितनों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया, उसकी सटीक संख्या की कभी पुष्टि नहीं हुई और न कभी उसका पता चल पाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ थियानमेन की इन घटनाओं, मारे गये लोगों, हिरासत में लिये गये लोगों, लापता हुए लोगों की पहचान स्वीकार कर लेना भावी पीढ़ियों और सामूहिक स्मृति के लिए महत्वपूर्ण है।’’
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब यूरोपीय संघ चीन को अलग-थलग किये बिना उस पर मानवाधिकार रिकार्ड सुधारने का दबाव बनाने और उसके साथ संबंधों में संतुलन कायम करने की कोशिश में जुटा है।