चीन ने भारत को दी नसीहत , डोकलाम विवाद से भारत को सीखना चाहिए सबक - Punjab Kesari
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चीन ने भारत को दी नसीहत , डोकलाम विवाद से भारत को सीखना चाहिए सबक

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पिछले तीन महीने से चल रहा भारत और चीन के बीच चल रहा डोकलाम विवाद आखिरकार शांतिपूर्वक सुलझ गया। इसे भारत की बडी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। बता दे कि भारत और चीन के बीच चले 73 दिनों का विवाद खत्म हो गया है। दोनों देशों ने अपनी अपनी सेनाएं सीमा से वापस बुला ली हैं। लेकिन एक बार फिर चीन भारत को अपनी हेकड़ी दिखाने से बाज नहीं आया।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि डोकलाम में भारत के सैनिक हटाए जाने के बाद विवाद खत्म हुआ, अब नई दिल्ली को इससे सबक सीखना चाहिए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकना चाहिए।

जब वांग से एक सवाल पूछा कि भारत ने पेइंचिंग को चेहरा छिपाने का मौका दिया है तो वांग ने जवाब दिया कि मीडिया अपने कयास लगा सकता है और रिपोर्ट लिख सकता है। लेकिन भारत के सेना वापस बुलाने पर ये गतिरोध खत्म हो गया है।

वांग ने आगे कहा कि यह मूल तथ्य है और हम उम्मीद करते हैं कि भारत इस घटना से सबक सीखेगा और इस तरह की घटनाओं से वो अपने को रोकेगा। नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने चीनी विदेश मंत्री की टिप्पणियों पर तत्काल प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की।

बता दे कि डोकलाम में टकराव के दौरान भारत अपने इस रुख पर कायम रहा कि विवादित इलाके में पूर्व की स्थिति बनी होनी चाहिए। अब दुनिया के देशों के बीच भारत एक उभरती ताकत के तौर पर बेहतर छवि बनेगी। हालांकि, यह मान लेना सही नहीं है कि चीन के साथ आखिरी टकराव डोकलाम में हुआ। जानकार मानते हैं कि पड़ोसी मुल्क दोबारा से वैसा ही सब कुछ शुरू कर सकता है। भारत ने डोकलाम के नजदीक के इलाकों में चौकसी जारी रखी है। भविष्य में चीन न केवल डोकलाम, बल्कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर कहीं भी दोबारा से टकराव मोल ले सकता है।

वही डोकलाम पर चीन के खिलाफ और भूटान के पक्ष में खड़ा रहने से भारत को बड़ा कूटनीतिक फायदा हुआ है। एक्सपर्ट्स की मानें तो इससे एशियाई देशों के साथ भारत का सहयोग मजबूत हुआ है। खास तौर पर दक्षिण और दक्षिणपूर्वी एशिया में भारत की स्थिति मजबूत हुई है।

आपको बता दे कि वैंग ने यह बयान चीन में पांच देशों ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के बीच होने वाले ब्रिक्स समिट से ठीक पहले पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा। इस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा लेने जाएंगे। इस बात की पुष्टि विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को अपने बयान में की थी। ब्रिक्स समिट की बैठक की अध्यक्षता चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग करेंगे यह समिट 3 से 5 सितंबर के बीच जियामेन शहर में होगी।

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