चीन ने बार्डर पर फिर किया युद्धाभ्यास, उतारे टैंक, हेलिकाप्टर और लड़ाकू विमान - Punjab Kesari
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चीन ने बार्डर पर फिर किया युद्धाभ्यास, उतारे टैंक, हेलिकाप्टर और लड़ाकू विमान

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डोकलाम : डोकलाम पर जारी तनातनी के बीच चीन ने एक बार फिर युद्धाभ्यास किया है। चीनी मीडिया का दावा है कि चीन की सेना PLA ने बॉर्डर से कुछ ही दूरी पर सेना ने टैंक और हेलिकॉप्टर के साथ अभ्यास किया है। इसमे स्पेशल फोर्स, आर्मी एविएशन और सशस्त्र सैनिकों ने भाग लिया। इस लाइव फायर ड्रिल में टैंक, हेलीकॉप्टर और लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया। चीनी सैनिकों ने युद्ध की नई तकनीकों का भी अभ्यास किया। कमांडर के आदेश पर टैंकों ने टारगेट को हिट किया वहीं आसमान में उड़ते जंगी जहाजों ने भी बम बरसाए। रात के वक्त जमीन पर कैसे युद्ध लड़ा जाएगा इसका भी अभ्यास किया गया।

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चीन के चाइना सेंट्रल टेलिविजन (CCTV) की रिपोर्ट के अनुसार, पीएलए की 10 यूनिट जिसमें एविएशन यूनिट भी शामिल रही थी, उन्होंने ड्रिल ऑपरेशन में हिस्सा लिया है. यह ड्रील करने वाली PLA की वेस्टर्न थिएटर कमांड ने किया है। जो कि भारत के आस-पास वाले बॉर्डर की जिम्मेदार हैं। चीनी मीडिया में इस तैयारी का एक वीडियो भी चल रहा है जो कि 5 मिनट का है। इस वीडियो में कई टैंक लगातार चल रहे हैं और हेलिकॉप्टर से गोलियां बरसाई जा रही हैं।

भारत भी जुटा मुंहतोड़ जवाब देने में

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एक ओर चीनी सैनिक बॉर्डर पर ड्रिल करने में जुटी हुई है वहीं भारतीय सेना भी अपने टैंक को अपग्रेड करने में जुट गई है। सेना अपनी क्षमताएं बढ़ाने के प्रयासों के तौर पर अपने टी-90 मुख्य युद्धक टैंकों को तीसरी पीढ़ी की मिसाइल प्रणाली से लैस कर उन्हें और सक्षम बनाने की परियोजना पर काम कर रही है।मौजूदा समय में टी-90 टैंक लेजर गाइडेड आईएनवीएआर मिसाइल प्रणाली से लैस हैं और सेना ने उसके स्थान पर तीसरी पीढ़ी की मिसाइलों को लगाने का फैसला लिया है। रूस में बने टी-90 टैंक भारतीय सेना के आक्रामक हथियारों का मुख्य आधार है। तीसरी पीढ़ी की मिसाइल लगाने के बाद 800-850 एमएम की डीओपी हासिल होगी और वो दिन के साथ-साथ रात में भी 8 किलोमीटर की दूरी तक के लक्ष्य को निशाना बनाने में सक्षम होगी।

खिंचता जा रहा है डोकलाम विवाद

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डोकलाम को लेकर भारत और चीन के बीच पिछले करीब दो महीनों से तनातनी जारी है. डोकलाम क्षेत्र सिक्किम के पास भारत-चीन-भूटान ट्राइजंक्शन पर स्थित है. यह इलाका भूटान की सीमा में पड़ता है, लेकिन चीन इसे डोंगलोंग प्रांत बताते हुए अपना दावा करता है. चीन ने इस साल जून में जब डोकलाम के पास सड़क बनाने की कोशिशें शुरू कीं, तो भारतीय सैनिकों ने दखल देते हुए उनका काम रुकवा दिया।

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दरअसल भूटान के साथ हुए समझौते के तहत भारत अपने इस पड़ोसी मुल्क की संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे में उसका दखल देना लाजमी हो जाता है। वहीं चीन का कहना है कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा है और भारतीय सेना के दखल को ‘अतिक्रमण’ करार दिया है. चीन तब से ही युद्धउन्मादी बयान देते हुए भारत से अपने सैनिक हटाने को कह रहा है।

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दरअसल चीन जिस जगह के पास सड़क बना रहा है, वह भारत का ‘चिकन नेक’ कहलाने वाले हिस्से के बेहद करीब स्थित है। उत्तर पूर्वी राज्यों को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाला यह इलाका महज 20 किलोमीटर चौड़ा है और सामरिक रूप से भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसे में इस जगह के आसपास चीनी गतिविधि भारत की सुरक्षा के लिहाज से भी खतरनाक है।

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