चीन ने हांगकांग में लोकतंत्र के लिये प्रदर्शन के बाद पहली बार सैनिक तैनात किये - Punjab Kesari
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चीन ने हांगकांग में लोकतंत्र के लिये प्रदर्शन के बाद पहली बार सैनिक तैनात किये

लोकतंत्र समर्थक अभूतपूर्व प्रदर्शन शुरू होने के बाद पहली बार चीन ने वहां अपने सैनिक तैनात किये हैं।

हांगकांग में 5 महीने पहले लोकतंत्र समर्थक अभूतपूर्व प्रदर्शन शुरू होने के बाद पहली बार चीन ने वहां अपने सैनिक तैनात किये हैं। बीजिंग ने शनिवार को यह कदम उठाया। इस पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश (हांगकांग) में ये प्रदर्शन एक प्रस्तावित प्रत्यर्पण कानून के विरोध में शुरू हुए थे। हांगकांग से प्रकाशित होने वाले साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक विश्व की सबसे बड़ी सेना ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) की हांगकांग छावनी से सैनिकों को हांगकांग में अशांति शुरू होने के करीब पांच महीने बाद पहली बार तैनात किया गया है।
दर्जनों चीनी सैनिकों ने सड़क पर से अवरोधकों को हटाने में मदद के लिये अपनी कोवलून छावनी से मार्च किया। साल भर में यह पहला मौका है कि जब पीएलए की स्थानीय छावनी को जन सामुदायिक कार्य में लगाया जा रहा है। सैनिकों में ज्यादातर ने हरी टी-शर्ट और काली पैंट पहन रखी थी। उनके हाथों में लाल रंग की बालटी थी। वे रेनफ्रीयू रोड पर अवरोधकों को हटाने के लिये सुबह चार बजे अपनी छावनी से निकले थे।
एक सैनिक ने बताया कि उनके कार्य का हांगकांग सरकार से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा गढ़े गये एक मुहावरे को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘हमनें यह शुरू किया…हिंसा रोकना और अव्यवस्था खत्म करना हमारी जिम्मेदारी है।’’
दमकलकर्मी और पुलिस अधिकारी भी सैनिकों के साथ सड़क साफ करते देखे गये। इससे पहले, हांगकांग के सुरक्षा सचिव जॉन ली का-चीयू ने कहा कि पीएलए यह फैसला करने के लिये स्वतंत्र है कि सैनिकों को सैन्य स्थलों के बाहर स्वयंसेवी सेवाओं के लिये भेजा जाए या नहीं और स्थानीय सरकार के पास इस बारे में कोई रिकार्ड नहीं है कि कितनी बार ऐसा हुआ है।
 
गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में 400 से अधिक सैनिक मांगखुत तूफान के दौरान गिरे पेड़ों को हटाने के लिये हांगकांग के काउंटी पार्क में भेजे गये थे। इससे पहले चीन ने कहा था कि शहर के छावनी कानून एवं मूलभूत कानून– के अनुच्छेद 14–शहर के संक्षिप्त संविधान के मुताबिक पीएलए को स्थानीय मामलों में दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए लेकिन आपदा राहत कार्यों में मदद के लिये स्थानीय सरकार के अनुरोध पर सैनिक बुलाये जा सकते हैं।
वहीं, चीनी राष्ट्रपति ने हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शन पर बृहस्पतिवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि अभी सबसे बड़ा कार्य हिंसा और अव्यवस्था को खत्म करना तथा व्यवस्था बहाल करना है। उन्होंने ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान ब्रासीलिया में यह टिप्पणी की।

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