चीन ने एक बार फिर विश्व के सामने पाकिस्तान के प्रति अपनी हमदर्दी का प्रदर्शन किया है। चीन ने लश्कर-ए-तैयबा के नेता शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही ये चौथी बार है जब चीन ने आतंकवादियों को ब्लैकलिस्ट करने से इंकार कर दिया।
दरअसल, चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत महमूद को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है। ऐसा पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह के प्रस्ताव पर रोक लगाई हो। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने दिसंबर 2016 में महमूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था।
चीन के पाकिस्तान प्रेम के है ये उदाहरण
इससे पहले मुंबई आतंकी (26/11 Mumbai Terrorist Attack) हमले के दोषी और लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के आतंकवादी साजिद मीर (Terrorist Sajid Mir) को ब्लैक लिस्ट करने के संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के प्रस्ताव पर चीन ने रोक लगा दी है।
साजिद मीर भारत के सबसे अधिक वांछित आतंकवादियों में से एक और लश्कर का एक बड़ा आतंकी है। मुंबई अटैक के दौरान वह मैनेजर का काम कर रहा था। अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से कहा गया है कि मीर ने 2008 के हमलों की योजना बनाई, उनकी तैयारी की और उसे अंजाम तक पहुंचाया।
साजिद मीर को ब्लैकलिस्ट करने के प्रस्ताव पर रोक से पहले चीन ने अमेरिका और भारत के उस प्रस्ताव को ब्लॉक कर दिया था जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर को ब्लैकलिस्ट किया जाना था। सन् 1974 में पाकिस्तान में जन्में रऊफ को दिसंबर 2010 में अमेरिका प्रतिबंधित कर चुका है।