LAC पर लंबे समय से चल रहे तनाव के बीच चीन ने एक और ऐसी हरकत की है जो आग में घी का काम कर सकती है। जानकारी के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख के डेमचोक इलाके में चीनी सेना ने एलएसी के पास भारतीय ग्रामीणों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। 21 अगस्त को कुछ भारतीय चरवाहे (ग्रामीण) एलएसी पर गए थे। वे अभी भी भारतीय क्षेत्र में थे लेकिन पीएलए ने उनकी उपस्थिति पर आपत्ति जताई और उन्हें जाने के लिए कहा। चीनी सेना ने इस इलाके पर अपना दावा किया है।
दोनों सेनाओं के बीच कोई टकराव नहीं
रिपोर्ट के मुताबिक, इस इलाके में दोनों सेनाओं के बीच कोई टकराव नहीं हुआ है। कहा जाता है कि इस इलाके में दोनों तरफ की सेनाएं अक्सर आपत्तियां दर्ज कराती हैं। यह मामला सामने आने के बाद भारतीय सैन्य अधिकारियों ने अपने चीनी समकक्षों से बातचीत की है। जिस इलाके में यह घटना हुई वह एलएसी पर घर्षण बिंदु के पास है और दोनों देशों की सेनाएं 2020 से यहां तैनात हैं। मामले से वाकिफ शख्स के मुताबिक इस इलाके में इस तरह की घटनाएं होती हैं क्योंकि यहां एलएसी साफ नहीं है और दोनों देश एलएसी को अपना-अपना मानते हैं। आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख में पहले से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है, ऐसे में यह नया मामला गंभीर मुद्दा है। जून 2020 में गलवान घाटी में हुए टकराव के बाद भारत और चीन के बीच संबंध और खराब हो गए हैं।
भारत और चीन के रिश्ते बेहद बुरे दौर से गुजर रहे हैंः जयशंकर
पिछले हफ्ते विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ तौर पर कहा था कि भारत और चीन के रिश्ते बेहद बुरे दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने गलवान का जिक्र करते हुए कहा कि अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। भारत और चीन के बीच 16वें दौर की सैन्य वार्ता जुलाई में हुई थी। इतनी चर्चा के बाद भी अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। गरवान घाटी में विघटन के बावजूद, दोनों देशों के 60 हजार सैनिक अभी भी पैंगोंग त्सो और गोगरा हॉट स्प्रिंग क्षेत्रों में तैनात हैं। इसके अलावा उन्नत हथियारों को भी यहां तैनात किया गया है। इसी तनाव के चलते पिछले तीन साल से दोनों देशों के रिश्ते नहीं सुधर पाए।