प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं। सबसे पहले वह न्यूयॉर्क पहुंचे। वहां से वाशिंगटन डीसी आये। पीएम मोदी ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इसके बाद संयुक्त बयान जारी कर पत्रकारों के सवालों के जवाब दिये। मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र से चलता है। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं है। अब कुछ देर बाद पीएम मोदी अमेरिका में एक रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं।
आपको बता दे कि वह भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं, जो दूसरी बार अमेरिकी संसद के दोनों सदनों सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के संयुक्त सत्र को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। पीएम ने जय हिंद कहकर अपने संबोधन पर विराम लगाया था। संबोधन के दौरान उन्होंने उप राष्ट्रपति कमला हैरिस की भी प्रशंसा की। पीएम मोदी ने कहा कि अमेरिकी संसद को संबोधित करना हमेशा गर्व की बात होती है। यह असाधारण सम्मान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करना सम्मान की बात कहते हुए कहा कि ये 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। वही , उन्होंने आगे कहा कि शानदार स्वागत के लिए भारतीयों की तरफ से आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि दोनों महान लोकतांत्रिक देश हैं। दोनों देशों का लोकतंत्र से गहरा नाता है। अमेरिकी सपने में भारत बराबर का भागीदार है। अमेरिकी सपने में भारतीयों का भी योगदान है. उन्होंने कहा, मैं समझता हूं कि अमेरिकी स्पीकर के लिए काम आसान नहीं होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-अमेरिका के रिश्तों की तुलना AI से की। साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले 7 साल में बहुत कुछ बदला है वही, दोनों देशों के बीच अब भरोसे की मित्रता के साथ साथ विश्वास भी बढ़ा है। AI – अमेरिका (America) और भारत (India) में और भी महत्वपूर्ण विकास हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 200 साल से हमने आपसी विश्वास बढ़ाया है। इसके साथ साथ भारत-अमेरिका संबंधों पर महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर का प्रभाव है। दो शताब्दियों से हमने एक-दूसरे को प्रभावित किया है। भारत और अमेरिका के लिए लोकतांत्रिक मूल्य मायने रखते हैं। लोकतंत्र समानता और सम्मान का प्रतीक है. भारत लोकतंत्र की जननी है. लोकतंत्र चर्चा और चर्चा का माध्यम है।
उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका सबसे पुराना देश है तो भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है। हम सब मिलकर दुनिया को एक नया भविष्य दे सकते हैं। हमने आजादी के 75 साल मनाये हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में 2500 राजनीतिक दल हैं। भारत के विभिन्न राज्यों में लगभग 20 अलग-अलग पार्टियाँ शासन करती हैं। हमारी 22 आधिकारिक भाषाएं और हजारों बोलियां हैं। वही ,हर 100 मील पर भोजन बदल जाता है।
पीएम ने कहा कि दुनिया की आबादी का छठा हिस्सा भारत में रहता है। भारत का विकास दूसरे देशों को प्रेरणा देता है
भारत आज दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। जल्द ही तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने जा रही है। भारत विकास करता है तो दुनिया विकास करती है। हमारा एक ही दृष्टिकोण है- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास। हम बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमने 150 मिलियन से अधिक लोगों को आश्रय प्रदान करने के लिए लगभग 14 मिलियन घर दिए हैं, जो ऑस्ट्रेलिया की आबादी का लगभग 6 गुना है।
अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इससे निपटने में कोई किंतु-परंतु नहीं हो सकता। हमें आतंक को प्रायोजित और निर्यात करने वाली ऐसी सभी ताकतों पर काबू पाना होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में महिलाएं बेहतर भविष्य का नेतृत्व कर रही हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा महिला पायलट भारत से हैं। ये मंगल मिशन का भी नेतृत्व कर चुकी हैं। किसी बेटी के भविष्य में निवेश करने से पूरे राष्ट्र की तस्वीर बदल सकती है। भारत पुराना राष्ट्र जरूर है और अपनी परंपराओं के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां की युवा आबादी कई मामलों में आगे है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन संकट पर चिंता जताई। इसी के साथ-साथ चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बिना दोनों देशों पर उन्होंने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण का एक नुकसान यह हुआ है कि सप्लाई चेन सीमित हो गई है। हम मिलकर कोशिश करेंगे कि सप्लाई चेन भी विकेंद्रीकृत और लोकतांत्रिक हो। तकनीक ही सुरक्षा और खुशहाली को तय करेगी। यूक्रेन संकट की वजह से यूरोप जंग के साये में है। इसमें कई शक्तियां शामिल हैं, इसलिए नतीजे गंभीर हैं। युद्ध के कारण विकासशील देश प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि यूएन चार्टर के मुताबिक विवादों का शांतिपूर्ण समाधान और दूसरों की संप्रभुता का सम्मान होना चाहिए। मैंने खुलकर और जाहिर तौर पर कहा है कि यह जंग का दौर नहीं है, बल्कि संवाद और कूटनीति का दौर है। हमें रक्तपात और लोगों को हो रही पीड़ा को मिलकर रोकना चाहिए।
चीन और पाकिस्तान के बारे में उन्होंने कहा कि टकराव के काले बादल हिंद प्रशांत क्षेत्र पर भी असर डाल रहे हैं। क्षेत्र में स्थिरता हमारी साझा चिंता है। हम मिलकर खुशहाली चाहते हैं। 9/11 और 26/11 के बाद चरमपंथ एक बड़ी चिंता बन गया है। आतंकवाद इंसानियत का दुश्मन है और इससे निपटने के लिए कोई किंतु-परंतु नहीं होना चाहिए। आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले और आतंकवाद का निर्यात करने वालों के खिलाफ हमें मिलकर लड़ना चाहिए।
आपको बता दे कि इससे पहले पीएम मोदी सदन में पहुंच गए हैं। यहां उन्होंने सभी से मुलाकात की। मोदी-मोदी के नारे लगाए जा रहे हैं। साथ ही ताली बजाकर जोरदार स्वागत किया जा रहा है। वही ,पीएम मोदी के संबोधन से पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस प्रतिनिधि सभा पहुंचीं। उन्होंने संसद में पीएम मोदी का स्वागत किया। इससे पहले वक्ता द्वारा परिचय दिया गया। भारतीय समुदाय के कई सदस्यों को यूएस कैपिटल हिल के बाहर ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम’ और ‘वेलकम मोदी’ के नारे लगाते देखा गया।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया और दोनों देशों को दो महान राष्ट्र बताते हुए ‘दो महान मित्र’ और ‘दो महान शक्तियों’ के रूप में मिलकर काम करने की जरूरत पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसे समय में, जब वैश्विक व्यवस्था एक नया आकार ले रही है, दोनों देशों के बीच संबंध ‘पूरी दुनिया की ताकत बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण’ हैं।
जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन ने व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में 19 तोपों की सलामी के साथ एक औपचारिक स्वागत किया। वहां अनुमानित 7,000 भारतीय-अमेरिकियों की मौजूदगी थी, जिन्होंने कई बार ‘मोदी, मोदी’ और कभी-कभी ‘यूएसए, यूएसए’ के नारे लगाए।
दोनों नेताओं ने अपनी द्विपक्षीय बैठक शुरू होने से पहले सहयोग और लोकतांत्रिक मूल्यों के उसी विषय पर फिर से बात की।
उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, उनके पति और द्वितीय सज्जन डगलस एम्हॉफ, राज्य सचिव एंटनी ब्लिंकन, रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गासेर्टी अमेरिकी अधिकारी थे, जिन्होंने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
भारत की ओर से उपस्थित लोगों में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव विनय क्वात्रा और अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू शामिल थे।
इस स्वागत समारोह से अमेरिकी राजधानी में स्पष्ट रूप से ‘भारत दिवस’ की शुरुआत हुई। बाइडेन और मोदी अपने संबंधित प्रतिनिधिमंडलों के साथ बैठकों के लिए रिसेप्शन से चले गए, जिसके बाद एक संवाददाता सम्मेलन होगा, जहां दोनों नेता टिप्पणियां देंगे और सवालों के जवाब देंगे।
दोपहर बाद प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। उनका पहला संबोधन 2016 में डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों कांग्रेस नेताओं के निमंत्रण पर था।
शाम को मोदी और उनके प्रतिनिधिमंडल की बाइडेन और प्रथम महिला द्वारा राजकीय रात्रिभोज में मेजबानी की जाएगी, जो 15 वर्षो में किसी भारतीय नेता के लिए पहली बार होगा। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 2009 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रथम महिला मिशेल ओबामा द्वारा राजकीय रात्रिभोज में मेहमान बने थे।
व्हाइट हाउस के रिसेप्शन में बाइडेन ने क्वाड के हिस्से के रूप में भारत और अमेरिका के बीच चल रहे सहयोग, जिसे उन्होंने जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ बनाया है, इंडो-पैसिफिक के लिए इसके महत्व और स्वास्थ्य देखभाल और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर एक साथ काम करने के बारे में बात की।
बाइडेन ने लोकतंत्र की चुनौतियों पर अमेरिका की चिंता को दर्शाते हुए कहा, ‘लोकतंत्र के रूप में हम अपने सभी लोगों की प्रतिभा का उपयोग कर सकते हैं।’
मोदी ने दोनों देशों के लिए लोकतंत्र को केंद्रीय मूल्य प्रणाली होने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों की संस्थाएं लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं, दोनों देशों के संविधान निम्नलिखित तीन शब्दों से शुरू होते हैं – ‘हम लोग’ और दोनों ‘देश विविधता पर गर्व करते हैं’ और ‘हम दोनों सभी के हित में मौलिक सिद्धांत में विश्वास करते हैं।
उन्होंने कहा, इस समय विश्व व्यवस्था एक नया आकार ले रही है। भारत और अमेरिका की दोस्ती पूरी दुनिया की ताकत को बढ़ाने में सहायक होगी।