थाईलैंड की गुफा में फंसे खिलाड़ियों को बचाने का प्रयास नयी योजना के तहत शुरू - Punjab Kesari
Girl in a jacket

थाईलैंड की गुफा में फंसे खिलाड़ियों को बचाने का प्रयास नयी योजना के तहत शुरू

NULL

थाईलैंड की गुफा में फंसे 12 फुटबॉल खिलाड़ी और उनके कोच को निकालने का प्रयास लगातार जारी है। खराब मौसम और ऑक्सीजन की कमी की वजह से ऑपरेशन में काफी दिक्कतें आ रही हैं। ये खिलाड़ी 23 जून से इस गुफा के भीतर फंसे हैं। जिसके चारों ओर पानी भरा है। इस बीच थाई अधिकारियों ने रविवार को कहा कि अब वे सबसे पहले उत्तरी थाईलैंड में गुफा के आसपास के क्षेत्र को खाली करने की योजना बना रहे हैं, जिससे खिलाड़ियों और उनके कोच को बचाने का काम किया जा सके।

यह घोषणा तब हुई है जब रविवार की सुबह देश के उत्तरी पहाड़ बारिश की चपेट में आ गए। खिलाड़ियों और उनके 25 वर्षीय कोच को बचाने के लिए बचाव दल को पानी और समय के साथ जंग लड़नी पड़ रही है। गुफा में फंसे फुटबॉल खिलाड़ियों की उम्र 11 से 16 साल के बीच है। आपको बता दें कि मौसम विभाग ने 15 जुलाई तक भारी बारिश की आशंका जताई है।

गुफा के भीतर पानी भरा हुआ है और बाहर आने के लिए 5-6 घंटे तक का वक्त लग सकता है। गोताखोर ऑक्सीजन सिलंडर के साथ तैरकर अंदर जा सकते हैं लेकिन बच्चों के लिए सिलंडर के साथ इतने लंबे वक्त तक तैरना मुमकिन नहीं होगा। साथ ही बच्चे काफी थके हुए हैं और खाने की कमी की वजह से कमजोर भी हो गए हैं। ऐसे में अगर बारिश की वजह से पानी का स्तर बढ़ जाता है तो बच्चों को निकालना मुश्किल होगा। जानकारी के मुताबिक एक बच्चे को गुफा से बाहर लाने के लिए कम से कम 2 गोताखोर लगाने होंगे।

गुफा में ट्यूब डालकर बच्चों के बाहर निकालने के उपाय पर भी विचार किया जा रहा है। स्थानीय कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बचाव दल को सुझाव दिया है कि वह बाहर से भीतर तक जाने वाले ट्यूब के रास्ते बच्चों को बाहर ला सकते हैं। यह ट्यूब पानी के भीतर डाले जाएंगे जिनके अंदर पानी नहीं होगा। लेकिन इसके भीतर भी ऑक्सीजन की कमी और घुटन से जूझना पड़ सकता है।

बचाव दल ने गुफा के ऊपर पहाड़ पर चिमनियां बनाकर बच्चों को बाहर निकालने की कोशिश पर भी काम करना शुरू कर दिया है। इसके लिए 100 से ज्यादा चिमनियां तैयार की गई हैं। इन्हें 400 मीटर गहाराई तक डाला जाएगा लेकिन इस काम में दिक्कत यह है कि अभी तक बच्चों की लोकेशन का सटीक पता नहीं लगाया जा सका है। गुफा की गहराई इससे ज्यादा भी हो सकती है।

भारत समेत दुनिया के कई मुल्कों ने थाई सरकार के सामने ऑपरेशन में मदद करने की पेशकश की है। इसके अलावा नेवी सील कंमाडो से लेकर सेना और स्पेशल फोर्स को इस काम में लगाया गया है। दुनियाभर की मीडिया यहां रेस्क्यू ऑपरेशन को कवर कर पहुंची हुई है। भारत से ‘आजतक’ ऐसा पहला चैनल है जो मौके पर मौजूद है। स्थानीय लोग विदेश से आने वाले मीडियाकर्मियों की मदद में जुटे हैं और उन्हें ऑपरेशन की जगह पहुंचाने का इंतजाम भी कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।