युद्ध बंदियों की जेल पर गोलाबारी को लेकर रूस-यूक्रेन में आरोप-प्रत्यारोप - Punjab Kesari
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युद्ध बंदियों की जेल पर गोलाबारी को लेकर रूस-यूक्रेन में आरोप-प्रत्यारोप

रूस और यूक्रेन ने अलगाववादी पूर्वी क्षेत्र स्थित उस जेल पर गोलाबारी को लेकर शुक्रवार को एक-दूसरे पर

रूस और यूक्रेन ने अलगाववादी पूर्वी क्षेत्र स्थित उस जेल पर गोलाबारी को लेकर शुक्रवार को एक-दूसरे पर आरोप लगाया, जिसमें कथित तौर पर दर्जनों यूक्रेनी युद्ध बंदियों की मौत हो गई। इन कैदियों को गत मई में मारियुपोल पर रूसी कब्जे के बाद गिरफ्तार किया गया था।
रूस ने कहा कि यूक्रेन ने रूस के नियंत्रण वाले डोनेत्स्क क्षेत्र में ओलेनिवका की जेल पर हमले में अमेरिका द्वारा दिए गए ‘एचआईएमएआरएस मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर’ का इस्तेमाल किया।
रूस के अधिकारियों और दोनेत्स्क में अलगाववादी अधिकारियों ने कहा कि हमले में 53 यूक्रेनी युद्ध बंदियों की मौत हो गई और 75 घायल हो गए।
रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल इगोर कोनाशेनकोव ने हमले को ‘खूनी उकसावा’ करार दिया, जिसका उद्देश्य यूक्रेनी सैनिकों को आत्मसमर्पण करने से हतोत्साहित करना था। उन्होंने बताया कि गोलाबारी में आठ जेल प्रहरी भी घायल हुए।
यूक्रेनी सेना ने ओलेनिवका पर किसी भी रॉकेट या तोप हमले से इनकार किया और जोर देकर कहा कि वह नागरिक क्षेत्रों पर गोलाबारी नहीं कर रही थी और उसका निशाना केवल रूसी सैन्य ठिकाने थे।
यूक्रेनी सेना ने आरोप लगाया कि रूस ने यूक्रेन पर युद्ध अपराधों का आरोप लगाने और वहां लोगों को यातना और सजा-ए-मौत देने की घटना को छुपाने के लिए जानबूझकर जेल पर गोलाबारी की।
यूक्रेनी सेना के बयान में ‘यूक्रेनी सेना को दोषी ठहराने के लिए सूचना युद्ध’ के हिस्से के रूप में रूसी दावों की निंदा की गई। हालांकि, किसी भी दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी।
मास्को ने हमले की जांच शुरू करते हुए घटनास्थल पर रूसी जांच समिति की एक टीम भेजी है। यूक्रेनी नेशनल गार्ड की एजोव रेजीमेंट और अन्य सैन्य इकाइयों के 2400 से अधिक सैनिकों ने गत मई में यूक्रेनी सेना के आदेश पर आत्मसमर्पण कर दिया था।
यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि पिछले 24 घंटों के दौरान रूसी गोलाबारी में 13 नागरिकों की मौत हो गई जबकि अन्य 36 लोग घायल हो गए।
उधर, कीव की एक अपील अदालत ने शुक्रवार को यूक्रेन पर हमला करने के बाद से पहले युद्ध अपराधों के मुकदमे में दोषी रूसी सैनिक की उम्रकैद की सजा को घटाकर 15 साल कर दिया। आलोचकों ने कहा था कि 21 वर्षीय वादिम शिशिमारिन की सजा अनुचित रूप से कठोर थी, क्योंकि उसने अपराध कबूल करने के साथ पश्चाताप व्यक्त किया था। उसे एक नागरिक की हत्या का दोषी ठहराते हुए गत मई में सजा सुनाई गई थी।

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