संयुक्त राष्ट्र : फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने इस्राइल के साथ शांति को लेकर अमेरिकी मध्यस्थता की संभावना से इंकार किया है। उन्होंने फलस्तीन के लिए संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता और समयसीमा के भीतर द्विराष्ट्र समाधान के महत्वपूर्ण लक्ष्यों के साथ 2018 के मध्य तक एक अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलन का आह्वान किया है। अब्बास ने कल यह बात उस समय कही जब पश्चिम एशिया के लिए अमेरिकी शांति प्रस्ताव पर काम कर रहे ट्रंप प्रशासन के दो महत्वपूर्ण वार्ताकार सुरक्षा परिषद की चैम्बर सुनवाई में बैठे। इन वार्ताकारों में ट्रंप के दामाद जेअर्ड कुशनेर और विशेष प्रतिनिधि जैसन ग्रीनब्लाट शामिल हैं।
लेकिन अब्बास उनसे बात किए बिना या अमेरिकी राजदूत निक्की हेली की इस बात को सुने बिना चले गए कि ‘‘अमेरिका फलस्तीनी नेतृत्व के साथ काम करने के लिए तैयार है’’ और दोनों राजनयिक ‘‘बात करने के लिए तैयार हैं।’’ फलस्तीनी यरूशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के ट्रंप प्रशासन के फैसले से नाराज हैं। अब्बास ने ट्रंप की इस्राइल समर्थक कार्रवाई को ‘‘खतरनाक’’ करार दिया और कहा कि उनकी कार्रवाई ने पश्चिम एशिया शांति मध्यस्थ के रूप में अमेरिका की विश्वसनीयता को दागदार किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज किसी क्षेत्रीय या अंतरराष्ट्रीय संघर्ष का समाधान करना अन्य अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के बिना किसी अकेले देश के लिए संभव नहीं है।’’ अब्बास ने परिषद को फलस्तीनी ‘‘शांति’’ योजना सौंपी। इसमें 1967 की सीमाओं के आधार पर इस्राइल और फलस्तीन द्वारा पारस्परिक मान्यता तथा मुद्दों के अंतिम रूप से समाधान और उन्हें एक समयसीमा के भीतर क्रियान्वित करने के वास्ते अंतरराष्ट्रीय बहुपक्षीय तंत्र के गठन का आह्वान किया गया है।
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