ग्रीस में नाव त्रासदी सबसे भीषण आपदा में एक है जिसमे 400 से 700 अधिक लोग थे वो नाव डूब गई। ये सभी लोग यरोप में रह रहे अपने रिश्तेदारों से मिलने जा रहे थे। जिसमे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के कोटली जिले से लापता लोगो की संख्या करीबन 166 हो गई है। सोमवार को उप महानिरीक्षक ने खुलासा किया कि नाव मामले के 88 और परिवारों ने उनसे संपर्क किया है जबकि पहले 50 परिवारों ने उनसे पहले संपर्क किया था। डेटा को स्थानीय निवासियों की मदद से स्थानीय स्तर पर लिया गया।
नाव पीड़ितों के वारिस कानून के डर से आगे नहीं
डॉ खालिद ने आगे कहा कि घटना के बाद 28 युवाओं के परिवारों ने उनसे संपर्क किया था और प्रवासी नाव घटना में 166 कोटली निवासियों के लापता होने की सूचना मिली थी। उन्होंने आशंका जताई कि आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ सकती है। पुलिस अधिकारी ने कहा, नाव पीड़ितों के वारिस कानून के डर से आगे नहीं आते हैं। उन्होंने लोगों से नाव पर सवार अपने बच्चों का विवरण उपलब्ध कराने का आग्रह किया और उन्हें आश्वासन दिया कि पुलिस उनके प्रियजनों को ढूंढने में उनकी मदद करेगी।
लापता लोगों में से कुछ अभी भी ग्रीस की जेलों में
उन्होंने कहा, लापता लोगों में से कुछ अभी भी ग्रीस की जेलों में हैं और कुछ की जांच चल रही है।14 जून को ग्रीस के पेलोपोनिस प्रायद्वीप में एक ट्रॉलर के डूब जाने से उसमें सवार दर्जनों प्रवासियों और शरणार्थियों की मौत हो गई, जिसमें कम से कम 78 लोग मारे गए।जहाज पर सीरिया, मिस्र और फिलिस्तीनी क्षेत्रों से लगभग 750 पुरुष, महिलाएं और बच्चे सवार थे, जो यूरोप में अपने रिश्तेदारों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे। डूबना इस वर्ष की अपनी तरह की सबसे भीषण आपदाओं में से एक थी।
जहाज पर पाकिस्तान के 350 नागरिक सवार
पाकिस्तान के उप स्थायी राजदूत जमान मेहदी ने असामान्य रूप से स्पष्ट टिप्पणियों में 47 सदस्यीय परिषद को बताया, ऐसी यथास्थिति की मानवीय लागत अस्वीकार्य है।गाम्बिया के दूत, एक ऐसा देश जहां से कई प्रवासी यूरोप की खतरनाक यात्राओं पर निकलते हैं, ने कहा कि इस मुद्दे पर “तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है